Gaya News गर्मी में इस बार उपभोक्ताओं को बिजली नहीं रुलायेगी, साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड का यह दावा कितना सार्थक साबित होगा यह तो आने वाला वक्त ही बता पायेगा. फिलहाल कंपनी अपनी इस कोशिश को अमलीजामा पहनाने के लिए करीब 50 करोड़ रुपये खर्च कर इन्फ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करने में लगी हुई है.
वर्तमान में पूरे जिले के 7.58 लाख उपभोक्ताओं द्वारा प्रतिदिन औसतन 360 मेगावाट बिजली की खपत की जा रही है. इनमें से 50 प्रतिशत से भी कम यानी केवल 3.61 लाख उपभोक्ता ही बिजली बिल का नियमित भुगतान कर रहे हैं. बावजूद इस बार की गर्मी में आम उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुलभ होती रहे, कंपनी उपलब्ध संसाधनों के आधार पर हर संभव तैयारी युद्धस्तर पर कर रही है.
विभागीय जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 में कंपनी ने जिले में बिजली व्यवस्था की कमान संभाली थी. तब से लेकर वर्ष 2024 तक करीब 441 करोड़ रुपये खर्च कर वितरण व्यवस्था से जुड़े संसाधनों को कंपनी द्वारा संग्रहित किया गया था. जरूरत के अनुसार बिजली वितरण से जुड़े शेष इंफ्रास्ट्रक्चर को इस बार करीब 50 करोड़ रुपये खर्च कर दुरुस्त कराया जा रहा है.
जिले में 14 हजार 254 पावर ट्रांसफार्मर से उपभोक्ताओं को उपलब्ध करायी जा रही बिजली
जिले के 7.58 लाख उपभोक्ताओं के घरों तक 14 हजार 254 पावर ट्रांसफार्मर की मदद से कंपनी द्वारा बिजली पहुंचायी जा रही है. बिजली वितरण की इस व्यवस्था में पूरे जिले में 700 किलोमीटर बिजली तार का जाल बिछाया गया है. कंपनी की माने तो इनमें से 600 किलोमीटर बिजली तार को कवर्ड करा दिया गया है. शेष बचे 100 किलोमीटर बिजली तार को भी कवर्ड कराया जा रहा है.
10 पावर ट्रांसफॉर्मरों का किया गया है क्षमता विस्तार
आने वाले दिनों में गर्मी बढ़ने की संभावना को देखते हुए कंपनी द्वारा अब तक जिले में पांच एमवीए पावर ट्रांसफार्मर का क्षमता विस्तार कर एमवीए कर दिया गया है, ताकि लोड बढ़ने पर भी ट्रांसफाॅर्मर को कोई क्षति न पहुंचे. साथ ही पुराने पांच एमवीए के सभी 10 ट्रांसफाॅर्मर को जरूर वाले क्षेत्रों में लगा दिया गया है.
इसके अलावा आपात स्थिति से निपटने के लिए 200 केवीए के 25, 100 केवीए के 113, 63 केवीए के 349 व 25 केवीए के 21 सहित कुल 508 पावर ट्रांसफार्मर का स्टॉक तैयार रखा गया है. इनमें 137 नये ट्रांसफाॅर्मर भी शामिल हैं. ये सभी ट्रांसफाॅर्मर को चार्जिंग के साथ स्टोर रूम में रखा गया है,
ताकि आपात स्थिति में ट्रांसफाॅर्मर बदली के दौरान उपभोक्ताओं को तुरंत बिजली आपूर्ति सुलभ करायी जा सके. इसके अलावा अब तक 200 केवीए का 47 नया ट्रांसफाॅर्मर भी लगाया जा चुका है. इनमें से केवल 16 ट्रांसफार्मर पर लोड दिया गया है. शेष ट्रांसफार्मर पर जरूरत व मांग के अनुसार लोड दिया जायेगा.
मरम्मत व आपात स्थिति से निबटने के लिए 18 मैकेनिकल टीमों की व्यवस्था
बिजली वितरण में अचानक होनेवाली कमियों को दूर करने के लिए कंपनी द्वारा पूरे जिले में छह ठेकेदार की व्यवस्था की गयी है. प्रत्येक कॉन्टैक्टर के जिम्मे तीन मैकेनिक टीमें गठित करने का निर्देश दिया गया है, जो सूचना पर तुरंत घटनास्थल पहुंचकर व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम करेगी. सभी टीम के पास मरम्मत से जुड़ी सभी संसाधनों के साथ वाहन भी उपलब्ध कराया गया है.
उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए जिले में बनाये गये आठ फ्यूज कॉल सेंटर
सामान्य व आकस्मिक होने वाली घटनाओं की जानकारी देने व उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए जिले में आठ फ्यूज कॉल सेंटर बनाये गये हैं. संबंधित क्षेत्र के उपभोक्ता अपने फ्यूज कॉल सेंटर पर शिकायत दर्ज करा सकेंगे. सभी फ्यूज कॉल सेंटर प्रतिदिन 24 घंटे फंक्शनल रहेंगे.
फ्यूज कॉल सेंटरों के नंबरपावर हाउस गांधी मैदान | 9262595905 |
गोल पत्थर | 9262595906 |
चांदचौरा | 9262595907 |
बोधगया | 9262595908 |
डेल्हा | 9262595913 |
मानपुर | 7541814800 |
ग्रामीण | 7033095808 |
शेरघाटी | 7833095810 |
कंपनी खरीद कर उपभोक्ताओं तक बिजली पहुंचाती है. मेंटेनेंस में भी काफी रुपये खर्च होते हैं. ऐसे में संसाधनों की कमी के कारण वितरण व्यवस्था में परेशानी हो सकती है. उपभोक्ताओं को नियमित रूप से बिजली बिल का भुगतान करना चाहिए. ससमय राजस्व की प्राप्ति होने से इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ संसाधनों को भी दुरुस्त किया जा सकता है. संसाधन जब दुरुस्त होंगे तब बिजली वितरण की व्यवस्था भी दुरुस्त होगी.
संजय बरियो, विद्युत अधीक्षण अभियंता, गया अंचल
ये भी पढ़ें… Gaya News: हीटवेव को लेकर आपदा विभाग ने कर ली ये तैयारी, पढ़िए बैठक में क्या हुआ फैसला