समेली महात्मा गांधी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान टीकापट्टी में आयोजित कार्यशाला का उदघाटन प्राचार्य डॉ एहतेशाम अनवर ने दीप प्रज्वलित कर किया. प्राचार्य ने कहा कि राज्य के सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा ज़िला स्तर पर विद्यालयों को शैक्षणिक सहायता प्रदान करने के लिए ज़मीनी आवश्यकताओं के अनुरूप प्रासंगिक डिजिटल कार्यक्रमों का निर्माण व संचालन एवं परिष्करण आवश्यक है. कहा, पिछले दो शैक्षणिक सत्रों में जिले में बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान सुनिश्चित करने के लिए कई डिजिटल कोर्स एवं प्रोजेक्ट विकसित किये गये हैं. डॉ अनवर ने कहा कि यह कार्यक्रम विद्यालय शिक्षा की गुणवत्ता में बदलाव ला सकती है. भाषा विकास प्राथमिक शिक्षा के नींव है. संवाद आधारित शिक्षण बच्चों को आत्मविश्वासी व अभिव्यक्तिपरक बनाती है. कार्यशाला का संचालन करते हुए जिला दीक्षा के कार्यक्रम समन्वयक डॉ सूरजकांत गौतम ने कहा कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2025-2026 में डाइट टीकापट्टी कटिहार के देखरेख में एफएलएन बेसलाइन रिपोर्ट के आधार पर जिले की शैक्षिक आवश्यकताओं की पहचान कर एक रिपोर्ट तैयार की गई है. इस वर्ष की प्राथमिकता प्रवाहपूर्ण और अर्थपूर्ण पठन कौशल विकास को बनाया है. एक विशेष कोर्स का निर्माण किया जा रहा है. कहा कि संवाद आधारित शिक्षण विधियां मूल्यांकन उपकरणों रणनीतियों और व्यावहारिक गतिविधियों से परिचित कराए गये इस कोर्स से बच्चे नवाचार के लिए प्रेरित होंगे. सभी प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किये. शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया. कार्यशाला में जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए तकनीकी समूह के सदस्यों ने भाग लिया. वरीय व्याख्याता रमन कुमार राय, आलोक कुमार, रूपम कुमारी, डॉ संजय कुमार, संजीव कुमार, राजकुमार, नूर आलम, आलोक कुमार झा, मनीष कुमार, तकनीकी समूह के राम जयपाल सिंह यादव, प्रणव कुमार ज्योति, नजीबुल्लाह नैयर, बलवंत कुमार, संजय कुमार मेहता, निशिकांत कुमार, ध्रुव नारायण, उमा कुमारी, नेहा कुमारी, प्रियंका कुमारी की उपस्थिति प्रमुख रूप से रही.
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