सीएमआर के चावलों के लॉट में मिलरों ने की थी मिलावट
मुंगेर. मानकों पर खरा न उतरने के चलते बिहार राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) सीएमआर (कस्टम मिल्ड राइस) के चावलों के छह लॉट (कुल 1746 क्विंटल) को रिजेक्ट करते हुए वापस करवा दिया. साथ ही हिदायत दी कि लॉट को अविलंब मानक के अनुरूप गुणवत्ता युक्त चावल गोदाम में जमा करायें. एसएफसी की इस कार्रवाई से राइस मिलर्स की परेशानियां काफी बढ़ गयी है.पांच मिलरों का सीएमआर चावल मानकों पर नहीं उतरा खरा
सरकारी स्तर पर किसानों से खरीदी गयी धान से चावल तैयार करने के लिए जिले में राइस मिलर्स का चयन किया गया है. जो धान से तैयार चावल को एसएफसी गोदाम में जमा करेंगे, जिसकी प्रक्रिया मुंगेर में शुरू हो चुकी है. चयनित राइस मिलर्स में मानकों को ताख पर रख कर चावल को तैयार किया, लेकिन जब मिलर्स सीएमआर (कस्टम मिल्ड राइस) चावल एसएफसी गोदाम में जमा करने पहुंचा तो विभागीय स्तर पर उसकी जांच करायी गयी, जिसमें पांच मिलरों द्वारा जमा करने के लिए लाये गये सीएमआर चावल मानकों पर खरा नहीं उतरा और एसएफसी ने चार राइस मिलर्स के छह लॉट यानी 1746 क्विंटल चावल को रिजेक्ट करते हुए जमा लेने से इंकार कर दिया और उसे वापस कर दिया. विदित हो एक लॉट में 299 क्विंटल चावल होगा. जिन छह लॉट को रिजेक्ट कर वापस किया गया, उसमें पांच लॉट उसना चावल और एक लॉट अरवा चावल था.छह राइस मिलर्स का रिजेक्ट हुआ चावल
एसएफसी ने जिन छह राइस मिलर्स के सीएमआर (कस्टम मिल्ड राइस) चावल को रिजेक्ट कर वापस लौटा दिया, उसमें मुंगेर एग्रो इंडस्ट्रीज तारापुर का दो लॉट उसना चावल. जय हनुमान इंडस्ट्रीज इटहरी का एक लॉट और बाबा पंचमुखी नाथ एग्रो इंडस्ट्रीज हवेली खड़गपुर का दो लॉट उसना चावल शामिल है, जबकि तारापुर के मानिकपुर पैक्स राइस मिल का एक लॉट अरवा चावल एसएफसी की जांच परीक्षा में मानक पर खड़ा नहीं उतरने पर उसे रिजेक्ट कर दिया गया.मिलावटी चावल जमा करने की राइस मिलरों ने रची थी साजिश
बताया जाता है कि जब धान के बदले सीएमआर (कस्टम मिल्ड राइस) चावल जमा करने की होड़ लगी तो चयनित राइस मिलर्स ने चावलों में मिलावट शुरू कर दिया. ताकि जमा करने की होड़ में मिलावटी चावल भी एसएफसी के गोदाम में जमा हो जाय, लेकिन मुख्यालय के निर्देश पर एसएफसी मुंगेर ने गोदाम में जमा होने से पहले सीएमआर (कस्टम मिल्ड राइस) चावल की जांच करनी शुरू कर दी. जांच में राइस मिलर्स के छह लॉट के चावल में अशुद्धियां, मिलावट और गुणवत्ता संबंधी समस्याएं मिली. हालांकि मिलर्स ने पैसों और परैवी के बल पर दवाब बना कर इन चावलों को जमा करने का भरसक प्रयास किया, लेकिन एसएफसी मुंगेर ने साफ तौर पर मना कर दिया, जिससे मिलरों की परेशानी काफी बढ़ गयी.सीएमआर (कस्टम मिल्ड राइस) चावल पूरी जांच कर ही स्वीकृत की जाती है, जिसके बाद ही उसे गोदाम में जमा लिया जाता है. इस जांच के दौरान चार मिलरों के पांच लॉट उसना और एक लॉट अरवा चावल मानक पर खरा नहीं उतरा, जिसके कारण छह लॉट को रिजेक्ट करते हुए वापस कर दिया गया है. मिलरों को निर्देश दिया दिया कि मानक के अनुरूप चावल तैयार कर निर्धारित समय सीमा के अंदर गोदाम में जमा करायें.
समदर्शी पासवान, जिला प्रबंधक, एसएफसीB
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