22 मार्च को एमयू के दूसरे दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति सह राज्यपाल ने की थी घोषणा
नौवागढ़ी मौजा में एमयू के लिए चयनित की गयी है लगभग 20 एकड़ जमीन
मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय के स्थापना के सात साल बीत चुके हैं, हालांकि इन सात सालों में एमयू के लिए अपने भवन को लेकर कई जमीन का चयन किया गया. 22 मार्च को एमयू के दूसरे दीक्षांत समारोह के दौरान कुलाधिपति सह राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के घोषणा के बाद लगा की एमयू को अब जल्द ही अपना भवन मिल जायेगा, लेकिन कुलाधिपति की घोषणा के तीन माह बाद भी अबतक एमयू के लिए नौवागढ़ी मौजा में चयनित लगभग 20 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ नहीं हो पायी है. ऐसे में एमयू की जमीन व अपने भवन की आस अबतक अधूरी पड़ी है.
बता दें कि 22 मार्च को एमयू के दूसरे दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति सह राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पहुंचे थे. जहां कार्यक्रम के दौरान कुलाधिपति ने एमयू के लिए पहले चरण में 20 एकड़ जमीन चयनित किये जाने की घोषणा की थी. साथ ही कहा था कि जल्द ही इसके अधिग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण कर एमयू के लिए भवन निर्माण आरंभ किया जायेगा, लेकिन एमयू के दूसरे दीक्षांत और कुलाधिपति के घोषणा का तीन माह बीत जाने के बाद भी एमयू के लिए नौवागढ़ी मौजा में चयनित लगभग 20 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ नहीं हो पायी है.सात सालों में कई जमीन का हुआ चयन, हर बार बदल गयी जमीन
ऐसा नहीं है कि एमयू के अबतक के सात सालों में जमीन चयन को लेकर कोई प्रक्रिया नहीं की गयी. एमयू के अबतक के सात सालों के इतिहास में दो नियमित तथा एक प्रभारी कुलपति रहे और सभी कुलपति के समय विश्वविद्यालय के लिए जमीन की तलाश की गयी. इस दौरान बांक पंचायत, नौवागढ़ी पंचायत, ऋषिकुंड, जमालपुर सहित कई क्षेत्रों में जमीन को देखी गयी, हालांकि साल 2024 में हवेली खड़गपुर के वीरजपुर में लगभग 20 एकड़ जमीन का चयन अंतिम रूप से किया गया. जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा सरकार को प्रस्ताव भेजने के साथ राशि की डिमांड भी की गयी, लेकिन 22 मार्च को कुलाधिपति के घोषणा के बाद अब एमयू के लिए नौवागढ़ी मौजा में जमीन का चयन किया गया है.एमयू के लिए चयनित जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ करने को लेकर विभाग के अधिकारियों से बात की गयी है. उम्मीद है कि जल्द ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ की जायेगी.
प्रो घनश्याम राय, कुलसचिवB
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