मुंगेर
मुंगेर विश्वविद्यालय अपने आरंभ काल से ही शिक्षकों की कमी झेल रहा है. ऐसे में साल 2024 से अबतक बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा एमयू को कई विषयों में शिक्षक दिये गये हैं. जिसमें 17 फरवरी 2025 को आयोग द्वारा रसायनशास्त्र विषय में भी एमयू को 13 सहायक प्राध्यापक दिये गये. जिसके काउंसलिंग की प्रक्रिया भी विश्वविद्यालय द्वारा पूर्ण कर ली गयी, लेकिन काउंसलिंग के चार माह बाद भी रसायनशास्त्र विषय के सहायक प्राध्यापक अबतक अपने पोस्टिंग के इंतजार में बैठे हैं.बता दें कि 17 फरवरी 2025 को बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा विश्वविद्यालय को रसायनशास्त्र विषय में 13 सहायक प्राध्यापक दिये गये. जिसकी काउंसलिंग प्रक्रिया भी विश्वविद्यालय द्वारा 24 फरवरी को ही पूर्ण कर ली गयी. हलांकि इस बीच विभाग द्वारा विश्वविद्यालय को पत्र भेजा गया. जिसमें सभी सहायक प्राध्यापकों के अनुभव प्रमाण पत्र की जांच की गयी. जिसमें लगभग 4 सहायक प्राध्यापकों के अनुभव पत्र में कमी पायी गयी. जिसके लिये ऐसे शिक्षकों को विश्वविद्यालय द्वारा रिमाइंडर भेजा गया. इसमें कुछ शिक्षकों द्वारा अनुभव प्रमाण पत्र जमा कर दिया गया, लेकिन काउंसलिंग प्रक्रिया पूर्ण होने के 4 माह बाद भी अबतक एमयू रसायनशास्त्र विषय के शिक्षकों का पोस्टिंग कॉलेजों में नहीं कर पाया है. इसी तरह विश्वविद्यालय को अंग्रेजी विषय में भी बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग से 23 शिक्षक मिले. 11 जून को इनमें से 22 सहायक प्राध्यापकों के काउंसलिंग की प्रक्रिया विश्वविद्यालय द्वारा पूर्ण की गयी, लेकिन अबतक अंग्रेजी के 22 सहायक प्राध्यापकों की पोस्टिंग भी एमयू कॉलेजों में नहीं कर पाया है. अब ऐसे में शिक्षकों की कमी झेल रहे एमयू के कॉलेजों में विद्यार्थियों को मिल रही गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक सुविधा का केवल अंदाजा लगाया जा सकता है.
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——————————————————————–रसायनशास्त्र के 33 स्वीकृत पद पर वर्तमान में मात्र 9 कार्यरत
मुंगेर :
एमयू में शिक्षकों की कमी का हाल यह है कि विश्वविद्यालय के 17 अंगीभूत कॉलेजों में शिक्षकों के कुल 489 स्वीकृत पद पर मात्र 225 नियमित शिक्षक ही कार्यरत हैं. इसमें भी 17 कॉलेजों में कैमेस्ट्री विषय में कुल 33 शिक्षकों का पद स्वीकृत है. जिसके विरूद्ध वर्तमान में कैमेस्ट्री के मात्र 9 शिक्षक ही कार्यरत हैं. वहीं अंग्रेजी विषय में शिक्षक के कुल 43 स्वीकृत पद पर मात्र 11 शिक्षक ही कार्यरत हैं. एमयू में यह हाल तब है, जब कॉलेजों में पदस्थापित शिक्षकों के कंधों पर ही पीजी विभाग व पीएचडी की जिम्मेदारी है.कहते हैं ओएसडी
ओएसडी डा. प्रियरंजन तिवारी ने बताया कि बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा कैमेस्ट्री सहित सभी विषयों में योगदान देने वाले सहायक प्राध्यापकों के अनुभवन प्रमाण पत्र के जांच का निर्देश दिया गया है. जिसमें कैमेस्ट्री में कई शिक्षकों द्वारा संबद्ध कॉलेजों का अनुभव प्रमाण पत्र दिया गया. जिसके लिये उन्हें पत्र भेजकर उससे संबंधित दस्तावेज मांगा गया. इसमें कुछ शिक्षकों ने जमा कर दिया है. जल्द ही सभी शिक्षकों का पदस्थापन कॉलेजों में किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है