जमालपुर. ईस्टकॉलोनी थाना क्षेत्र के बड़ी आशिकपुर स्थित अवकाश प्राप्त रेलकर्मी उदय शाह के मकान में जनश्री माइक्रो फाइनेंस प्रा. लि. कार्यालय में अचानक ताला लटक गया. जिसके बाद लोग सामने आने लगे तो इस फर्जी फाइनेंस कंपनी की भी परत दर परत पोल खुलने लगी है.
बताया जाता है कि जिस मकान में इस फर्जी फाइनेंस कंपनी का कार्यालय संचालित हो रहा था. उसे फर्जी फाइनेंस कर्मियों ने किराया पर मीटिंग के लिए मकान लिया था. जहां पर आने वाले लोगो को फाइनेंस कंपनी का कार्यालय बताया जाता था. भवन में किसी प्रकार का कोई बोर्ड नहीं लगा था, लेकिन फर्जी फाइनेंसकर्मी एजेंट के माध्यम से लोगों को यहां ऋण दिलाने के लिए बुलाने लगे, जिसके कारण लोग आसानी से फाइनेंसकर्मियों के झांसे में आ गये. इस फाइनेंस कंपनी ने जमालपुर और उसके आस-पास के लगभग 500 लोगों को अपना शिकार बनाया. जिसमें मध्यमवर्गी और गरीब तबके के बेरोजगार लोग अधिक हैं. प्रति बेरोजगार तीन हजार रुपये रोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराने के नाम पर वसूला गया, लेकिन फाइनेंस कंपनी के ऑफिस में ताला लगने से इन जमाकर्ताओं को बड़ा झटका लगा है.फर्जी एजेंट को ढूंढ़ रहे ठगी के शिकार जमाकर्ता
बताया जाता है कि जनश्री माइक्रो फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड ने जमालपुर के कुछ युवकों को झांसा देकर एजेंट के रूप में बहाल कर लिया था. जो इस फर्जी फाइनेंस कंपनी का विजिटिंग कार्ड लेकर जमालपुर ही नहीं इसके आस-पास के प्रखंडों में घूमने लगा. अंकित, दिलखुश, अभिजीत, आर्यन नामक व्यक्ति कई प्रखंडों में घूम-घूम कर लोन दिलाने की बात कहीं और आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर कार्ड का फोटो कॉपी के साथ तीन हजार नकद लिया, लेकिन गुरुवार को जब निर्धारित स्थल पर पहुंचे तो वह कार्यालय बंद मिला. जिसके बाद लोगों को यह समझते देर नहीं लगी की उसके साथ ठगी हो गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है