तारापुर. कथावाचक बाल व्यास संत भगवत शरण जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला एवं माखन चोरी की कथा का बखान किया. वे बुधवार को प्रखंड के देवगांव स्थित काली विषहरी स्थान के प्रांगण में चल रहे श्री श्री 108 श्रीमद् भागवत सप्ताह कथा के तीसरे दिन बुधवार को श्रद्धालुओं से कही. कथावाचक ने माखन चोरी की लीला का वर्णन करते हुए कहा कि जब श्रीकृष्ण भगवान पहली बार घर से बाहर निकले तो उनकी बृज से बाहर मित्र मंडली बन गयी. सभी मित्र मिलकर रोजाना माखन चोरी करने जाते थे. सब बैठकर पहले योजना बनाते कि किस गोपी के घर माखन की चोरी करनी है. श्रीकृष्ण माखन लेकर बाहर आ जाते और सभी मित्रों के साथ बांटकर खाते थे. उन्होंने बताया कि भगवान कृष्ण बचपन में नटखट थे. भागवत कथा के बीच-बीच में संगीतमयी भजनों की प्रस्तुति का दौर चलता रहा. भागवत कथा के प्रत्येक दिन कथा को सुनने के लिए आसपास के क्षेत्रों से भारी संख्या में महिला व पुरुष श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जमा हो रही है और कथा सुनकर भक्ति के रस में सराबोर हो रहे हैं.
सद्गुरु की आराधना में ही परमात्मा का दर्शन है : महात्मा दिनेश
धरहरा. प्रखंड के ईटवा में आयोजित सत्संग समारोह में भागलपुर से आये संत निरंकारी मिशन के ज्ञान प्रचारक महात्मा दिनेश जी ने कहा कि ढ़ूंढ़ा तो उसे जाता है जो खो जाता है. परमात्मा को खोजने की जरूरत नहीं है. परमात्मा तो सर्वज्ञ है. बस जरूरत है हमें उन्हें पहचानने की. उन्होंने कहा कि परमात्मा व सदगुरु कौन है इस पर बखान किया कि सद्गुरु ही परमात्मा हैं. भ्रम एवं मोहमाया की दुनिया में जो सदगुरु की भक्ति करता है, वह परमात्मा से मिलन का रास्ता बना लेता है. सद्गुरु की आराधना में ही परमात्मा का दर्शन है. वहीं सदगुरु के विषय में ज्ञान लेने के लिए दिव्या कुमारी, महेश प्रसाद, सुरेश साह, पंचानंद प्रसाद, मोहन मंडल, विकास कुमार, रघुनंदन दास, मिथिलेश साह सहित प्रखंड के विभिन्न गांवों के सत्संगी एवं संत निरंकारी सेवा दल के लोग उपस्थित हुए थे.
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