असरगंज. विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला शुरू होने में अब एक माह से भी कम समय शेष रह गया है. मेला के दौरान कांवरिया शिव भक्तों को परेशानी नहीं हो, इसे लेकर सरकार ने पूर्व से ही तैयारी आरंभ कर दी है. असरगंज के मासूमगंज में पर्यटन विभाग द्वारा कांवरियों के लिए धर्मशाला सह कैफेटेरिया बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है और जमीन का सीमांकन कर भवन निर्माण के लिए सर्वप्रथम बोरिंग की जा रही है.
तारापुर के एसडीओ राकेश कुमार ने बताया कि पर्यटन विभाग की ओर से 12 करोड़ की लागत से धर्मशाला सह कैफेटेरिया का निर्माण कराया जायेगा. इसमें लगभग एक हजार कांवरियों के खाने-पीने व रहने की सुविधा उपलब्ध होगी. सीओ उमेश शर्मा ने बताया कि धर्मशाला सह कैफेटेरिया के निर्माण के लिए 1 एकड़ 2 डिसमिल जमीन का सीमांकन किया गया है. धर्मशाला का निर्माण होने से मुख्य मार्ग एवं कच्चे कांवरिया पथ से बैद्यनाथ धाम जाने वाले कांवरिया शिव भक्तों को सुविधा होगी. मालूम हो कि असरगंज प्रखंड अंतर्गत कच्चे कांवरिया पथ में धर्मशाला का अभाव था और दुकानदारों के टेंट हाउस में कांवरिया रात गुजारते थे. इसके एवज में दुकानदारों द्वारा शिव भक्तों से राशि ली जाती थी. इसे देखते हुए कांवरिया पथ में धर्मशाला बनाने का निर्णय लिया गया है. काफी लंबे समय से स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी धर्मशाला निर्माण की मांग रही थी.कांवरिया पथ में दिखने लगी श्रावणी मेले की तैयारी,
दुकान बनाने में जुटे स्थानीय दुकानदार
संग्रामपुर. एक माह तक चलने वाला विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला इस वर्ष 11 जुलाई से आरंभ हो रहा है. मेला शुरू होने में अब एक माह से भी कम समय शेष है और कांवरिया पथ में तैयारियों की झलक दिखने लगी है. एक ओर जहां स्थानीय दुकानदार दुकान निर्माण में जुट गये हैं. प्रशासन ने कांवरिया पथ की मापी कर पथ की चौड़ाई तय कर दी है. इसके बावजूद दुकानदार पथ का अतिक्रमण कर अपनी दुकान सजाने में लगे हैं. इससे आने वाले दिनों में प्रशासन को अतिक्रमण हटाने में जद्दोजहद करनी पड़ सकती है. दुकानदार उमेश कुमार, सुनील साह, गोपी साह, गुलाब साह ने बताया कि पश्चिम बंगाल के शिवभक्त श्रावण माह शुरू होने से 15 दिन पहले ही पैदल यात्रा शुरू कर देते हैं. क्योंकि वे इसे ग्रीष्म नवरात्रि मानते हैं. इसी कारण दुकानदार अभी से दुकानें बनाकर तैयारियों में जुटे हैं. दुकानदारों ने बताया कि इस समय बांस, मजदूर और जमीन की दरें सस्ती होती है. लेकिन जैसे-जैसे सावन नजदीक आता है, इनकी कीमत दोगुनी हो जाती है. श्रावणी मेला इसलिए भी खास है क्योंकि सुल्तानगंज से देवघर तक की 105 किमी पैदल यात्रा में देश-विदेश के शिवभक्त शामिल होते हैं. इस बीच अंचलाधिकारी निशीथ नंदन ने बताया कि मेला तैयारी को लेकर बहुत जल्द तारापुर अनुमंडल में बैठक आयोजित की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है