मुंगेर रेंज के चारों जिलों के अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारियों को दिया गया एक प्रशिक्षण
मुंगेरमुंगेर रेंज के डीआइजी राकेश कुमार ने कहा कि देश में तीन नये आपराधिक कानून को प्रभावी बनाने और अपराधियों को सजा दिलाने के लिए ई-साक्ष्य एप लांच कर दिया गया है. ई-साक्ष्य क्राइम सीन का सुरक्षा कवच बनेगा और कोई भी अपराधी इससे बच नहीं पायेगा तथा उसको सजा मिलना तय है. वे गुरुवार को किला परिसर स्थित ऑडिटोरियम में ई-साक्ष्य को लेकर आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे.
ई-साक्ष्य एप के उपयोग व संचालन को लेकर गुरुवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन ऑडिटोरियम में किया गया. जिसमें मुंगेर रेंज के चार जिले मुंगेर, जमुई, लखीसराय और शेखपुरा जिला के 55 वर्ष तक उम्र के एएसआइ से लेकर एएसपी स्तर के पुलिस पदाधिकारियों ने भाग लिया. डीआइजी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया. उन्होंने उपस्थित पुलिस पदाधिकारियों से कहा कि यह प्रशिक्षण पीड़ितों को न्याय दिलाने, अपराधियों को सजा दिलाने और पुलिस के कार्य में पारदर्शिता लाने के लिए काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि अपराध होने पर घटनास्थल की फोटो और वीडियोग्राफी की जाती है. तलाशी और सीजर की कार्रवाई के दौरान की वीडियोग्राफी को साक्ष्य में शामिल किया जाता है. सभी लिखापढ़ी के दस्तावेज तैयार होते हैं. इन साक्ष्यों को सुरक्षित रखने के लिए ई-साक्ष्य एप पर काम किया जा रहा है. इसे लेकर मोबाइल व लैपटॉप दिया गया है. ताकि ई-साक्ष्य एप पर सभी इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को सुरक्षित रहे. उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण दो सत्रों में दिया जा रहा है. प्रशिक्षण के उपरांत 25 अंकों का परीक्षा भी लिया जायेगा. इसमें जितना अंक जिस पुलिस पदाधिकारी को मिलेगा वह अंक उनकी सेवा पुस्तिका में शामिल किया जायेगा. उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों से अपील किया कि आप अपने अधीनस्थ काम करने वाले वैसे कनीय पुलिसकर्मी जो कंप्यूटर शिक्षा में माहिर हो, उनसे सीखने का प्रयास करें.दो सत्रों में पुलिस पदाधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण
पुलिस पदााधिकारियों को दो सत्रों में प्रशिक्षण दिया गया. प्रथम सत्र में ट्रेनर सुमित कुमार ने पुलिस पदाधिकारी को अपने मोबाइल में ई-साक्ष्य एप्लीकेशन लोड करने, उस पर घटनास्थल पर वीडियो या फोटो लोड करने की जानकारी दी. एनआईसी पर मेल बनाने की प्रक्रिया की जानकारी दी गयी. उन्हें बताया गया कि लैपटॉप पर केस डायरी को किस तरह आसान तरीके से लिखा जा सकता है. दूसरे सत्र में असिस्टेंट डायरेक्टर प्रॉसिक्यूशन धर्मेश ने नए आपराधिक कानूनों पर चर्चा की और उसमें तकनीक का किस तरह इस्तेमाल करें इसकी विस्तृत जानकारी दी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है