मुंगेर. मुंगेर शहर में अंतत: अतिक्रमण हटाओ अभियान प्रारंभ नहीं हो पाया. जबकि निगम प्रशासन ने बुधवार से शहर के एक नंबर ट्रैफिक पटेल चौक से लेकर गांधी चौक तक मुख्य बाजार को अतिक्रमण मुक्त कराने की घोषणा की थी. बताया गया कि निगम प्रशासन ने जिला प्रशासन से दंडाधिकारी व पुलिस बल तैनात करने का अनुरोध किया था. लेकिन दंडाधिकारी व पुलिस बल उपलब्ध नहीं कराया जा सका है.
मुंगेर शहर में नासूर बन चुके अतिक्रमण को हटाने में बार-बार निगम प्रशासन द्वारा ढुलमुल नीति अपनायी जाती रही है. इस बार भी घोषणा के बावजूद शहर में अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई प्रारंभ नहीं की गयी. शहर के लोगों को उम्मीद थी कि इस बार निश्चित रूप से शहर का मुख्य बाजार अतिक्रमण मुक्त हो पाएगा. क्योंकि निगम प्रशासन ने चौक बाजार में बीच सड़क पर डिवाइडर लगाने की भी पूरी व्यवस्था की है, लेकिन अभियान प्रारंभ नहीं हो पाया.अतिक्रमणकारियों की चपेट में शहर का मुख्य बाजार
मुंगेर शहर का मुख्य बाजार पूरी तरह से अतिक्रमणकारियों की चपेट में है. शहर के एक नंबर ट्रैफिक से लेकर पूरबसराय तक फुटपाथ दुकानदार व ठेले वालों का साम्राज्य कायम है. सुबह से लेकर शाम तक बीच सड़क पर इस कदर ठेला लगाया जाता है कि चार पहिया वाहन तो दूर दो पहिया वाहन को भी चलने में परेशानी होती है. यदि कोई वाहन चालक कुछ बोलता है तो ठेले वाले लड़ने को तैयार हो जाते हैं. यहां तक कि कई बार मारपीट व नोक-झोंक की नौबत तक आ जाती है.सड़क पर लगता है सब्जी व फल का ठेला
शहर के चौक बाजार में सड़क के बीचों-बीच सब्जी विक्रेता, कपड़ा विक्रेता व फल विक्रेता अपना ठेला लगाकर धंधे में मशगूल रहते हैं. इतना ही नहीं फुटपाथ पर भी अतिक्रमण होने की वजह से राहगीर पैदल पथ का उपयोग नहीं कर पाते. जिसके कारण प्राय: जाम की स्थिति बनी रहती है. कोतवाली थाना जाने वाली सड़क हो या फिर एक नंबर ट्रैफिक से पूरबसराय जाने वाली सड़क, सभी रास्ते अतिक्रमण से भरे हैं.विधानसभा में भी उठा अतिक्रमण का मुद्दा
मुंगेर के भाजपा विधायक प्रणव कुमार यादव ने शहर में अतिक्रमण के मामले को लेकर हाल ही में विधानसभा में भी मुद्दा उठाया था. उन्होंने मुंगेर शहर के पटेल चौक से लेकर जेपी चौक मुर्गिया चौक सड़क पर व्यापक रूप से अतिक्रमण के कारण होने वाली परेशानियां के मामले को विधानसभा के पटल पर रखा था.
नहीं मिला दंडाधिकारी व पुलिस बल
निगम प्रशासन ने अनुमंडल पदाधिकारी को पत्र लिखकर जहां अतिक्रमण हटाओ अभियान के लिए दंडाधिकारी नियुक्त करने का अनुरोध किया था. वहीं पुलिस अधीक्षक को पत्र भेज कर पुलिस पदाधिकारी व पुलिस बल उपलब्ध कराने की मांग की थी. लेकिन निगम प्रशासन का कहना है कि न तो दंडाधिकारी उपलब्ध हो पाया है और न ही पुलिस बल. जिसके कारण बुधवार से घोषित अतिक्रमण हटाओ अभियान प्रारंभ नहीं हो पाया.
निगम प्रशासन ने जिला प्रशासन से दंडाधिकारी व पुलिस बल तैनात करने का अनुरोध किया था. लेकिन अब तक दंडाधिकारी व पुलिस बल उपलब्ध नहीं कराया जा सका है. जिसके कारण अतिक्रमण हटाओ अभियान प्रारंभ नहीं हो पाया. ज्योंही दंडाधिकारी व पुलिस बल मिलेगा, निगम पूरी मुस्तैदी से अभियान प्रारंभ करेगा.कुमकुम देवी, मेयरB
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