मुंगेर आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले की सुनवाई के दौरान गुरुवार को राज्य के उप- मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी सहित लोग एमपी-एमएल के विशेष न्यायाधीश सह एसीजेएम प्रथम पंकज कुमार के न्यायालय में उपस्थित हुए. इसे लेकर न्यायालय परिसर में दिनभर गहमा-गहमी बनी रही. एमपी-एमएलए कोर्ट में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी सहित पांच अभियुक्तों का सारांश सुनाया गया. बताया गया कि 11 वर्ष पुराना तारापुर थाना कांड 35/2014 में पांच अभियुक्त में बिहार विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, तत्कालीन विधायक परवत्ता सम्राट चौधरी, तारापुर प्रखंड के पूर्व जदयू अध्यक्ष मधुकर, योगेंद्र मंडल न्यायालय में हाजिर हुए. न्यायालय ने सभी अभियुक्तों को अपराध का सारांश सुनाया. लेकिन सभी अभियुक्तों ने लगाएं गए आरोप को निराधार बताया. विदित हो कि इस मामले में कुल आठ अभियुक्त नामजद थे. जिसमें तत्कालीन विधायक तारापुर नीता चौधरी, तत्कालीन विधायक सुल्तानगंज गणेश पासवान एवं देवानंद की मुत्यु हो चुकी है. बताते चलें कि अनुमंडल पदाधिकारी के बिना आदेश से 29 मार्च 2014 को दोपहर में उदय नारायण चौधरी, जमुई जिले का प्रत्याशी के साथ 9 वाहन, नामजद एवं करीब पचास समर्थक के साथ तारापुर बाजार में रोड पर शो करते हुए आनंद काम्प्लेक्स भवन चुनाव कार्यालय में रुके एवं बैठक किया. आचार संहिता का उल्लघंन के इस मामले में तारापुर प्रखंड पदाधिकारी के द्वारा तारापुर थाना में कांड संख्या 35/2014 दर्ज करवाया गया था. उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि आचार संहिता उल्लंघन मामले में माननीय न्यायायल के सम्मान में मुंगेर पहुंचे और न्यायालय में उपस्थित हुए. वहीं उनके अधिवक्ता मुकुंद ने बताया कि 2014 में आचार संहिता उल्लंघन मामले में दर्ज केस तारापुर कांड संख्या 35/14 के आरोप गठन की सुनवाई में उप मुख्य मंत्री सम्राट चौधरी पहुंचे थे. आरोप गठन किया गया. अब माननीय न्यायायल इस पर आगे विचार करेंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है