मुंगेर. मुंगेर में माओवादी संगठन को एक और बड़ा झटका लगा है. इस क्षेत्र के हार्डकोर नक्सली भोला कोड़ा उर्फ विकास दा ने सोमवार को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. वह पिछले 10 वर्षों से फरार चल रहा था और सरकार ने उस पर दो लाख का इनाम भी घोषित कर रखा था. गिरफ्तार नक्सली मारक दस्ता का सदस्य था और 5 जुलाई 2025 को भी राजासराय के जंगलों में एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में भी शामिल था. पुलिस अधीक्षक सैयद इमरान मसूद ने बताया कि मुंगेर पुलिस और बिहार एसटीएफ टीम की ओर से लगातार नक्सलियों के खिलाफ जंगलों में अभियान चलाया जा रहा है. इसी दौरान 5 जुलाई 2025 को राजासराय के जंगलों में विशेष टीम की नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई थी. इसमें नक्सली भोला कोड़ा रात के अंधेरे और घने जंगलों का सहारा लेकर भागने में सफल रहा था, लेकिन विशेष टीम की कार्रवाई जारी रही. कर्मंतरी व सवासीन के जंगलों में तीव्रता से संचालित दबिश अभियानों के कारण हार्डकोर नक्सली भोला कोड़ा उर्फ विकास दा उर्फ रोहित कोड़ा ने सरकार की उग्रवादियों के आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत पुलिस अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. भोला कोड़ा मुंगेर जिले के लड़ैयाटांड थाना क्षेत्र के पेसरा निवासी मनोज कोड़ा उर्फ बुधु कोड़ा का पुत्र है. वह नक्सली कमांडर प्रवेश दा उर्फ परवेज दा के दस्ता का भी प्रमुख सदस्य रहा है. उस पर मुंगेर, लखीसराय, जमुई के अलावे झारखंड के बोकारो में एक दर्जन से अधिक नक्सल मामले दर्ज हैं. अप्रैल 2025 में झारखंड के बोकारो में पुलिस से मुठभेड़ में आठ नक्सली मारे गये थे. इसमें भोला कोड़ा किसी तरह से जान बचाकर भाग निकला था.
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