धरहरा. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धरहरा इन दिनों खुद बीमार पड़ा है. जहां लोगों को इलाज मिलना चाहिए, वहां अब ताले और खामोशी नजर आ रही है. एक जीएनएम को मुंगेर भेज दिया गया और सात अन्य पर एफआइआर होने के बाद वे सभी लापता हैं. जिसके कारण रोगियों का इलाज नहीं हो पा रहा है. मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं.
नियमानुसार हर सीएचसी में नर्सिंग स्टाफ की पर्याप्त तैनाती होनी चाहिए. लेकिन धरहरा सीएचसी में पहले ही स्टाफ की कमी थी और अब जो थोड़े-बहुत लोग थे, वे भी कानूनी पचड़ों या ट्रांसफर की भेंट चढ़ गए हैं. इसके अलावे हर माह किसी न किसी स्टाफ की सेवानिवृति हो रही है. ऐसे में यहां पर अब दवा काउंटर पर मरीजों को दवा देने के लिए भी दूसरे एचडब्ल्यूसी से एएनएम की प्रतिनियुक्ति की गयी है.स्वास्थ्यकर्मी की कमी से बढ़ी परेशानी
स्टाफ की कमी का सबसे ज्यादा असर डिलीवरी और इमरजेंसी सेवाओं पर पड़ा है. गर्भवती महिलाओं को अब 10 से 20 किलोमीटर दूर तक भटकना पड़ रहा है और जिनके पास पैसे नहीं हैं, वो बस भगवान भरोसे हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीन उप-स्वास्थ्य केंद्र घटवारी के एएनएम प्रियंका कुमारी दो वर्ष से केंद्र में सेवा नहीं दे रही है. वहीं हेमजापुर की एएनएम भावना कुमारी एक वर्ष से बिना सूचना के अनुपस्थित है. दूसरी ओर एचडब्ल्यूसी मोहनपुर की एएनएम आकांक्षा कुमारी एवं एचडब्ल्यूसी गोविंदपुर की एएनएम अंजु कुमारी सात माह से नो वर्क नो पेय पर है.वहीं इस मामले में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अविनाश कुमार ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की समस्याओं एवं बिना सूचना के गायब एएनएम के बारे में संबंधित विभाग को सूचना दी गयी है.
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