26.7 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

साहित्य एक साधना, इसके लिए अध्ययन, धैर्य, अनुशासन आवश्यक : सलिल

शहर के मोगल बाजार में रविवार की शाम साहित्य प्रहरी की मासिक गोष्ठी आयोजित की गयी. इसकी अध्यक्षता यदुनंदन झा द्विज ने की. जबकि संचालन शिवनंदन सलिल ने किया

मुंगेर.

शहर के मोगल बाजार में रविवार की शाम साहित्य प्रहरी की मासिक गोष्ठी आयोजित की गयी. इसकी अध्यक्षता यदुनंदन झा द्विज ने की. जबकि संचालन शिवनंदन सलिल ने किया. एक ओर जहां युवा साहित्यकारों द्वारा अपनाये जाने वाले शार्टकट पर चर्चा हुई, वहीं दूसरी शिक्षिका सह साहित्यकार रख्शां हाशमी के स्थानांतरण पर उनको विदाई दी गयी. शिवनंदन सलिल ने नई पीढ़ी का कविता के प्रति उदासीनता पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि आज के युवा साहित्यकार शॉर्टकट अपना कर स्थापित हो जाने का सपना पाल लेते है. लेकिन साहित्य एक साधना है. इसके लिए अध्ययन, धैर्य, अनुशासन और श्रम की आवश्यकता होती है. उन्होंने नई पीढ़ी के साहित्यकारों को सामने आने का आह्वान किया. कार्यक्रम के दूसरे चरण में भव्य कवि-गोष्ठी हुई. जिसमें अलख निरंजन कुशवाहा, रख्शां हाशमी, विजेता मुद्गल पुरी, गीतकार शिवनन्दन सलिल, किरण शर्मा, कुमकुम सिन्हा, प्रमोद निराला, अशोक शर्मा, खालीद शम्स, आचार्य नारायण शर्मा, डॉ रघुनाथ भगत, शकूर अहमद, घनश्याम पोद्दार, डॉ कुंदन कुमार ने अपनी-अपनी कविता का पाठ किया. शिक्षिका एवं शायरा रख्शां हाशमी को विदाई देते हुए ज्योति सिन्हा ने अपनी नज़्म ” मोबाईल के पन्ने पलटकर तेरी तस्वीर देख लूंगा , कुछ इस तरह तेरी यादों को दिल में सहेज लूंगा ” पढ़कर माहौल को गमगीन कर दिया. मौके पर राजीव कुमार सिंह, प्रो जयप्रकाश नारायण, प्रकाश नारायण थे, ज्योति कुमार सिन्हा, संजय कुमार, अताउल्लाह बुखारी, मधुसूदन आत्मीय, विभाष मिश्र, बिरजू मंडल सहित अन्य अंत तक श्रोता दीर्घा में मौजूद रहे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel