मुंगेर. एक माह के रोजे के बाद सोमवार को ईद-उल-फितर का त्योहार मुसलिम धर्मावलंबियों ने आपसी प्रेम, भाईचारे और सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाया. इसमें शहर से लेकर गांव तक लोग ईद के जश्न में डूबे रहे. मुंगेर मुख्यालय में आरडी एंड डीजे कॉलेज के समीप स्थित ईदगाह में जहां हजारों मुसलिम भाईयों ने एक साथ ईद की नमाज अदा की, वहीं विभिन्न मसजिदों में भी ईद की नमाज अदा की गयी. मुसलमान भाइयों ने मौके पर सुख-समृद्धि व शांति की कामना की और गले लगकर एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी.
रविवार की शाम चांद के दीदार के साथ ही ईद का जश्न प्रारंभ हो गया और लोग एक-दूसरे को मुबारकबाद देने लगे. ईद की खुशियां हर रोजेदार के चेहरे पर खिल उठी. महीने भर के रोजे के बाद ईद का त्योहार खुशियों का पैगाम लेकर आया. देर रात तक बाजार में चहल-पहल रही. इधर सोमवार सुबह से ही लोग नहाने के बाद नये वस्त्र पहन कर ईदगाह एवं विभिन्न मसजिदों में पहुंचने लगे. सुबह 7:30 बजे स्थानीय डीजे कॉलेज स्थित ईदगाह में हजारों मुसलमान भाईयों ने एक साथ ईद की नमाज अदा की. ईदगाह से लेकर डीजे कॉलेज मुख्य पथ नमाजियों से पूरी तरह भरा हुआ था. यहां खानकाह रहमानी मुंगेर के सज्जादानशीं हजरत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी के निर्देश पर जामिया रहमानी के प्राचार्य मौलाना जमील ने ईद की नमाज अदा करायी और रोजेदारों को ईद की मुबारकबाद दी. वहीं शहर के जामा मस्जिद, दिलावरपुर, किला परिसर, बेलन बाजार, बरदह, बाकरपुर, सुजावलपुर सहित दर्जनों मस्जिदों में ईद की नमाज अदा की गयी और लोगों ने एक-दूसरे से गले मिलकर मुबारकबाद दी. इधर सुरक्षा को लेकर प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह चाक चौबंद दिखी. एसडीओ सदर शैलेंद्र कुमार सिंह, एसडीपीओ अभेिषेक आनंद दलबल के साथ डीजे कॉलेज ईदगाह के समीप सुरक्षा का कमान संभाले थे. जबकि शहर में जगह-जगह दंडाधिकारी के साथ पुलिस पदाधिकारी व जवान तैनात थे.दुआ करें नफरत का माहौल मुहब्बत में बदल जाये : मौलाना जमील
मुंगेर. ईद की नमाज के दौरान जामिया रहमानी के प्राचार्य मौलाना जमील ने अपनी तकरीर में कहा कि रमजान के बाद ईद की दो रेकत शुकराने की नमाज अदा की जाती है. रमजान के महीने में रोजा रखना, नमाज और तरावीह पढ़ने की हिम्मत अल्लाह ने दी, यह उनका करम है. लोग नमाज के जरिए खुदा का शुक्रिया अदा करते हैं. उन्होंने कहा देश में जिस तरह नफरत का महौल बन चुका है, दुआ करें नफरत का माहौल मुहब्बत में बदल जाये. अल्लाह की दी हुई नेमत को इंसान गिन नहीं सकता है. हर लम्हे अल्लाह की नेमतें इंसान को मिलती रहती है. उन्होंने कहा कि बहुत से लोग ऐसे भी हैं जिनको तन ढकने के लिए पूरा कपड़ा और भरपेट खाना तक नसीब नहीं होता है. वैसे लोगों का हम ख्याल रखें, यह हमारी जिम्मेदारी बनती है. जहां तक हो मजबूरों की मदद हमें करनी चाहिए. अल्लाह ने फरमाया है तुम शुक्र अदा करो हम नेमतें बढ़ाएंगे. नेमतों को दूसरे तक पहुंचाएं. उन्होंने कहा आज हुकूमत वक्फ बिल लाने की तैयारी में जुटी है. इससे अल्पसंख्यक समुदाय सहित बहुसंख्यक जो संविधान में विश्वास रखते हैं, वे परेशान हैं.
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