प्रतिनिधि, मुंगेर
————————-मुंगेर विश्वविद्यालय से पीएचडी करने वाले लगभग 500 विद्यार्थियों के लिये शोध जैसे मामलों पर विश्वविद्यालय के लापरवाह रवैये ने परेशानी को बढ़ा दिया है. हाल यह है कि पीएचडी में नामांकन लेने के 16 माह बाद भी शोधार्थियों को अपने रजिस्ट्रेशन का इंतजार है. जबकि रजिस्ट्रेशन के लिये पीजीआरसी पूरा होने के बाद भी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आरंभ नहीं किया गया है.
मुंगेर विश्वविद्यालय के 20 पीजी विभागों के अंतर्गत 12 जनवरी 2024 को पीएचडी में लगभग 500 शोधार्थियों ने नामांकन लिया. जनवरी 2024 माह से ही शोधार्थियों का छह माह का रिसर्च मैथोलॉजी कोर्स वर्क की कक्षाएं भी आरंभ हुयी. लोकसभा चुनाव के कारण दो माह तक कक्षाएं प्रभावित रही. चुनाव के बाद न केवल कक्षाएं पूर्ण हुयी, बल्कि रिसर्च मैथोलॉजी कोर्स वर्क की परीक्षाएं भी पूर्ण की गयी. जिसके बाद विश्वविद्यालय में 16 दिसंबर 2024 को रिजल्ट भी प्रकाशित कर दिया. इसके बाद सभी विभागों के शोधार्थियों ने अपने शोध का टॉपिक अपने संबंधित विभागों में आयोजित डीआरसी की बैठक में जमा भी कर दिया. विभाग स्तर पर शोधार्थियों के शोध टॉपिक को स्वीकृति मिलने के बाद इसे विश्वविद्यालय स्तर पर पीजीआरसी की बैठक में स्वीकृत किया जाना था. जिसके बाद न केवल उनके शोध टॉपिक पर शोध करने की अनुमति मिलनी थी, बल्कि पीएचडी में रजिस्ट्रेशन भी होना था. इसके लिये विश्वविद्यालय ने अप्रैल और मई 2025 में दो बार पीजीआरसी की बैठक भी की. आखिरी पीजीआरसी सात से नौ मई के बीच आयोजित की गयी. पीजीआरसी पूरा होने के एक माह बाद भी विश्वविद्यालय पीएचडी शोधार्थियों का रजिस्ट्रेशन आरंभ नहीं करवा पायी है. इससे विश्वविद्यालय के शोधार्थियों में असमंजस की स्थिति बनी है. रजिस्ट्रेशन नही होने के कारण शोधार्थी अपने शोध टॉपिक पर रिसर्च आरंभ नहीं कर पा रहे हैं.कहते हैं परीक्षा नियंत्रक
परीक्षा नियंत्रक प्रो. अमर कुमार ने बताया कि पीएचडी के लिये रजिस्ट्रेशन को लेकर फाइल बढ़ायी है. जल्द ही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आरंभ की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है