प्रतिनिधि, धरहरा. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, धरहरा से पिछले तीन माह से एक भी कुपोषित बच्चे को एनआरसी मुंगेर नहीं भेजा गया है. इसे लेकर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने आशा फैसिलिटेटर एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के कार्यों के प्रति नाराजगी जतायी है और स्पष्टीकरण की मांग की है. पत्र में स्पष्ट किया है कि तीन माह में एक भी कुपोषित बच्चे को एनआरसी (पोषण पुनर्वास केंद्र) नहीं भेजा जाना लापरवाही को दर्शाता है. चिकित्सा पदाधिकारी ने कहा कि बाल विकास परियोजना द्वारा चिन्हित कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया जाना, आशा फैसिलिटेटरों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की लापरवाही को दर्शाता है. पांच आशा फैसिलिटेटर सुनीता देवी, बृजकली देवी, शीला देवी, गीता देवी और संजू देवी को कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर एनआरसी भेजने के लिए जिम्मेदारी दी गयी है. लेकिन इन लोगों ने अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरती है जो पोषण मिशन की दिशा में की गयी पहल में एक बड़ी रुकावट है. इसलिए अपना स्पष्टीकरण समर्पित करें कि पिछले तीन माह में एक भी बच्चों को एनआरसी क्यों नहीं भेजा गया. पत्र में यह भी कहा गया है कि उचित कारण या संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर नियमानुसार विभागीय कार्रवाई की जायेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है