– इमरजेंसी जैसे महत्वपूर्ण वार्ड में ऑक्सजीन सिलेंडर व कंसंट्रेटर के भरोसे मरीज
मुंगेरदेश में एक बार फिर कोरोना में दस्तक दे दी है. वहीं कोरोना के दस्तक के साथ स्वास्थ्य विभाग भी अब तैयारी में जुट गया है. जिसे लेकर सोमवार को ही स्वास्थ्य सचिव ने सिविल सर्जन के साथ ऑनलाइन बैठक कर कोरोना से निपटने को तैयार रहने का निर्देश दिया है. हलांकि निर्देश के बाद मुंगेर स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. लेकिन मुंगेर सदर अस्पताल प्रबंधन अबतक अपने सबसे महत्वपूर्ण इमरजेंसी वार्ड में ही ऑक्सीजन सप्लाई आरंभ नहीं कर पाया है. ऐसे में जब कोरोना को लेकर अलर्ट मोड में रहने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिया गया है. वहीं मुंगेर सदर अस्पताल में अबतक मॉडल अस्पताल में संचालित इमरजेंसी वार्ड में मरीज ऑक्सीजन सिलेंडर तथा कंसंट्रेटर के भरोसे हैं.
कोरोना से निपटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग के सचिव ने सिविल सर्जन के साथ समीक्षा की, जिसमें निर्देशित किया गया कि कोरोना संक्रमण को लेकर सभी जिले अर्लट मोड में रहें. साथ ही कोरोना को लेकर स्पेशल वार्ड तैयार रखते हुये ऑक्सीजन व्यवस्था को सुदृढ़ रखेंगे. हलांकि इस दौरान स्वास्थ्य सचिव द्वारा बताया गया कि आरटीपीसीआर जांच के लिये किट खरीदने की प्रक्रिया की जा रही है. जल्द ही सभी जिलों को आरटीपीआर जांच कीट उपलब्ध करा दिया जायेगा.ऑक्सजीन सिलेंडर व कंसंट्रेटर के भरोसे मरीज
फरवरी माह में मॉडल अस्पताल का उद्घाटन होने के बाद अप्रैल माह में स्वास्थ्य विभाग ने सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड को इसमें शिफ्ट कर दिया गया. जहां प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन के लिये पाइपलाइन की व्यवस्था की गयी है. लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा इमरजेंसी वार्ड में ही अबतक ऑक्सीजन सप्लाई बेड पर आरंभ नहीं किया गया है. हलांकि सोमवार को समीक्षा बैठक के बाद सिविल सर्जन के निर्देश पर ऑक्सीजन प्लांट से मॉडल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में कनेक्शन तो कर दिया गया. लेकिन ऑक्सीजन की सप्लाई आरंभ नहीं की गयी है. ऐसे में जब कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग अर्लट मोड में है. वहीं मुंगेर सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मरीज ऑक्सीजन सिलेंडर तथा कंसंट्रेटर के भरोसे हैं.फैब्रिकेटेड अस्पताल में 50 बेड का कोविड वार्ड तैयार
स्वास्थ्य विभाग द्वारा वैसे तो कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर तैयारी के तहत प्री-फैब्रिकेटेड अस्पताल में 50 बेड का कोविड वार्ड तैयार किया गया है. हलांकि प्री-फैब्रिकेटेड अस्पताल में ऑक्सीजन पाइपलाइन कनेक्शन नहीं होने के कारण यहां ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगाया गया है. अब ऐसे में जब मुंगेर में कोरोना का इतिहास सूबे में सबसे अधिक भयावह रहा है. वैसे में कोरोना से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तैयारी मुंगेर को परेशानी में डाल सकती है. बता दें कि साल 2020 में बिहार में कोरोना का पहला मामला और कोरोना से मौत का पहला मामला मुंगेर में ही सामने आया था. जबकि साल 2020 से 2022 के मई माह तक मुंगेर में कोरोना के कुल 520 कंफर्म मरीज आरटीपीसीआर जांच में मिले थे. जबकि इस दौरान कुल 127 मरीजों की मौत जिले में कोरोना के कारण हुयी थी. सबसे अधिक भयावह स्थिति तो साल 2020 के अंत में कोरोना के दूसरे लहर के दौरान रही. जबकि सर्वाधित 92 मरीजों की मौत हुयी थी. जिसमें अधिकांश मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण हुयी थी.कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डा. विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि कोरोना को लेकर समीक्षा के दौरान स्वास्थ्य सचिव द्वारा कई निर्देश दिये गये हैं. जिसके तहत 50 बेड का कोविड वार्ड तैयार किया गया है. साथ ही ऑक्सीजन प्लांट को तैयार रखा गया है, यदि अबतक ऑक्सीजन प्लांट से इमरजेंसी वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई आरंभ नहीं किया गया है तो इसकी जानकारी ली जायेगी. साथ ही ऑक्सीजन सप्लाई शुरू कराया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है