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फोटो पत्रकार सुबोध सागर का निधन, लोगों ने नम आंखों से दी विदाई

मुंगेर पत्रकारिता के स्तंभ और पांच दशक तक फोटो जर्नलिस्ट की भूमिका निभाने वाले 76 वर्षीय सुबोध सागर का शनिवार की रात निधन हो गया.

विभिन्न समाचार पत्रों में पांच दशक तक निभायी प्रेस फोटोग्राफर की जिम्मेदारी

मुंगेर. मुंगेर पत्रकारिता के स्तंभ और पांच दशक तक फोटो जर्नलिस्ट की भूमिका निभाने वाले 76 वर्षीय सुबोध सागर का शनिवार की रात निधन हो गया. हार्ट अटैक के बाद उन्हें मुंगेर सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें पटना रेफर कर दिया गया. लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया. उनके निधन की खबर सुनते ही प्रेस जगत के साथ ही मुंगेर के राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र में खामोशी छा गयी. रविवार को उनका अंतिम संस्कार लालदरवाजा श्मशान घाट पर किया गया.

निधन की खबर सुनते ही उमड़ी भीड़, पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि

प्रेस फोटोग्राफर सुबोध सागर के निधन की खबर मिलते ही चारों ओर शोक व्याप्त हो गयी. रविवार की सुबह नगर भवन स्थित उनके अस्थाई निवास स्थल पर लोगों का तांता लगा रहा. विधायक प्रणव कुमार यादव, मेयर कुमकुम देवी, डिप्टी मेयर खालिद हुसैन, जदयू जिलाध्यक्ष नचिकेता मंडल, भाजपा जिलाध्यक्ष अरुण कुमार पोद्दार सहित विभिन्न राजनीतिक व गैर राजनीतिक संगठन के लोग पहुंचे और उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इधर मुंगेर चैंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव संतोष अग्रवाल, उपाध्यक्ष दिनेश कुमार सिंह, प्रवक्ता जय किशोर संतोष, हेमंत सिंह, कृष्ण कुमार अग्रवाल, रेडक्रॉस के सचिव देवप्रकाश सहित समाज के विभिन्न तबके के लोगों ने पुष्प व पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इधर शवयात्रा में पत्रकार कुमार कृष्णन, राणा गौरी शंकर, राजीव मुरारी सिंहा, राजेश झा, रजनीश कुमार, सुजीत मिश्रा, नील कमल श्रीवास्तव, सज्जन गर्ग सहित दर्जनों पत्रकार शामिल हुए. जबकि समाजसेवी कौशल किशोर पाठक, निर्मल जैन, तुषार, वाईपी सिंह, राकेश मंडल, मंटू शर्मा, आदर्श राजा सहित दर्जनों लोग शवयात्रा में शामिल हुए. लालदरवाजा घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. जहां उनके पोते आकाश कुमार ने मुखाग्नि दी.

ब्लैक एंड व्हाइट से लेकर डिजिटल प्रेस फोटोग्राफी तक तय किया सफर

मुंगेर. सुबोध सागर जब तक जीवित रहे तब तक प्रेस फोटोग्राफी करते रहे. पांच दशक तक उन्होंने प्रेस फोटोग्राफर की भूमिका बखूबी निभाने का काम किया. ब्लैक एंड व्हाइट कैमरे से लेकर डिजिटल युग तक सुबोध सागर खुद को समय के अनुसार बदलते रहे. यही उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि रही. इस दौरान उनके सामने कई चुनौतियां आई. लेकिन उन्होंने उनका डट कर मुकाबला किया और अखबार के लिए फोटोग्राफ उपलब्ध कराते रहे. उन्होंने आज, आर्याव्रत, नवभारत टाइम्स, इंडियन नेशन, प्रभात खबर, नई बात, हिंदुस्तान सहित दर्जन भर दैनिक व साप्ताहिक अखबार व मैगजीन के लिए फोटोग्राफी की. उनके साथ काम करने वाले पत्रकार कुमार कृष्णन, सुजीत मिश्रा, ईटीवी मुंगेर के पूर्व संवाददाता शहनवाज अनवर ने कहा कि बढ़ती उम्र के साथ मीडिया की नयी-नयी चुनौतियों का सामना करने वाले सुबोध सागर उन युवा पत्रकारों के लिए प्रेरणादायक हैं, जो अपना कैरियर पत्रकारिता में बनाना चाहते हैं. उनके प्रेम और स्नेह के साथ लोगों की नि:स्वार्थ भाव से की गयी मदद उनकी बड़ी पहचान रही है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है. प्रेस फोटोग्राफर सुबोध सागर अपने पीछे दो पुत्र व एक पुत्री को छोड़ गये हैं.

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