संग्रामपुर. मानसून की पहली झमाझम बारिश ने जहां लोगों को गर्मी से राहत दी, वहीं नगर पंचायत संग्रामपुर के विकास कार्यों की सच्चाई को भी सामने ला दी. नगर पंचायत क्षेत्र के लगभग सभी वार्डों में नाले की साफ-सफाई नहीं होने, नालों के जीर्णोद्धार में लापरवाही और सड़कों के किनारे नाले का निर्माण नहीं होने से वर्षा का पानी सड़कों पर जमा हो गया. खासकर वार्ड संख्या 10 स्थित काली मंदिर तक जाने वाले मुख्य मार्ग की हालत अत्यंत दयनीय हो गयी.
डांड़ के अतिक्रमण व नाला नहीं रहने से सड़क पर जमा पानी
सड़क किनारे पारंपरिक डांड़ पर स्थानीय लोगों द्वारा अतिक्रमण कर लिये जाने के कारण पानी के निकास की व्यवस्था समाप्त हो चुकी है. स्थानीय निवासी अमर मंडल, जयप्रकाश मंडल, मुकेश कुमार एवं चंदन कुमार ने बताया कि पहले इसी डांड़ से सैकड़ों एकड़ खेतों की सिंचाई होती थी. आज स्थिति यह है कि वह पूरी तरह अतिक्रमण की भेंट चढ़ गया है. घरों और तबेलों से निकलने वाली गंदगी सीधे सड़कों पर बह रही है, जिससे न सिर्फ बदबू फैल रही है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी खतरा मंडरा रहा है. वही वार्ड संख्या 12 के मुख्य मार्ग में नाला नहीं रहने से सड़क तालाब में तब्दील हो गयी. ग्रामीण उमाशंकर भगत, जितेंद्र कुमार, अभिषेक कुमार, पूरन मंडल और अरुण सिंह ने बताया कि स्कूली बच्चों को गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है. कई बार राहगीर फिसल कर चोटिल भी हो चुके हैं.
नगर पंचायत गठन के दो वर्ष बाद भी विकास की नहीं दिखी झलक
स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर पंचायत गठन के दो वर्ष पूरे हो चुके हैं, लेकिन आजतक लोगों को नगर जैसी कोई सुविधा नहीं मिल पाई है. विकास कार्य केवल कागजों पर सिमट कर रह गया है. न सड़क बनी, न नाला, और न ही पेयजल की कोई व्यवस्था की गयी. लोगों ने नगर पंचायत प्रशासन से अविलंब सड़क व नाला निर्माण, नियमित सफाई और अतिक्रमण हटाने की मांग की. यह भी कहा कि अगर समस्या का शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन करने को बाध्य होना पड़ेगा.
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