मुंगेर. मुंगेर पुलिस लाइन में योगदान करने आये नवनियुक्त सिपाहियों को मेडिकल में फिट कराने के नाम पर पुलिस पदाधिकारियों द्वारा अवैध वसूली करने का मामला उजागर हुआ है. पुलिस अधीक्षक सैयद इमरान मसूद ने तत्काल दोषी सार्जेंट सुमित कुमार को जहां निलंबित कर दिया है. वहीं पूरबसराय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए सार्जेंट को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सूचना मिली थी कि मुंगेर जिला बल में योगदान करने आये नवनियुक्त सिपाहियों को मेडिकल फिट कराने के नाम पर पुलिस पदाधिकारी द्वारा वसूली की जा रही है. इसकी जांच पुलिस केंद्र के पुलिस उपाधीक्षक (रक्षित) से करायी गयी. उनके द्वारा मामले की जांच कर जो जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराया गया. उसमें पुलिस केंद्र में पदस्थापित प्राअनि परिचारी ( सार्जेंट) सुमित कुमार द्वारा नवनियुक्त सिपाहियों से मेडिकल के नाम पर अवैध वसूली से संबंधित मामला प्रथम दृष्टया सत्य प्रतीत होना पाया गया. पुलिस उपाधीक्षक (रक्षित) के जांच प्रतिवेदन के आधार पर प्राअनि परिचारी ( सार्जेंट) सुमित कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. इसके साथ ही पूरबसराय थाने में प्राथमिकी दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया.दो से ढाई हजार रुपये प्रति सिपाही हो रही थी वसूली
पुलिस उपाधीक्षक (रक्षित) के जांच प्रतिवेदन में कहा गया है कि सार्जेंट सुमित कुमार अपने स्तर पर यह खेल कर रहा था. और पुलिस लाइन में मुंगेर जिलाबल में योगदान करने आये नवनियुक्त सिपाहियों से मेडिकल फिट के कराने के नाम पर अवैध वसूली कर रहा था. वह प्रति नवनियुक्त सिपाही दो से ढाई हजार रुपये वसूल रहा था.कहते हैं पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक सैयद इमरान मसूद ने बताया कि अब तक की जांच में जो रिपोर्ट में सामने आयी है, उसमें है कि प्राअनि परिचारी ( सार्जेंट) सुमित कुमार अपने स्तर से यह गलत कार्य संचालित कर रहा था. दूसरे किसी भी पुलिसकर्मियों का नाम सामने नहीं आया है. अगर दूसरे किसी भी पुलिसकर्मी की संलिप्तता सामने आती है, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है