संग्रामपुर. नगर पंचायत, संग्रामपुर के वार्ड संख्या 10, 11 और 12 में पेयजल संकट गहरा गया है. नल-जल योजना पूरी तरह नाकाम हो चुकी है और चापाकल भी दम तोड़ दिया है. ऐसी परिस्थिति में ग्रामीणों के बीच पेयजल संकट गहरा गया है और ग्रामीणों में पेयजल के प्रति आक्रोश है.
शनिवार को स्थानीय निवासी रूबी देवी, नाथो देवी, सजनी देवी, सरिता देवी, सुधीर साह, शंकर शर्मा, मंटू राम सहित अन्य ने बताया कि सरकार की महत्वाकांक्षी हर घर नल का जल योजना यहां पूरी तरह फेल है. इन तीनों वार्डों में नल जल योजना से मात्र एक चौथाई आबादी को ही पानी मिल रहा है, जबकि बांकी लोग पानी की भारी किल्लत झेल रहे हैं. वार्डों में लगे अधिकांश चापाकल लंबे समय से खराब हैं. ग्रामीणों ने कई बार विभाग से खराब पड़े चापाकल की मरम्मत की मांग की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. मजबूरन ग्रामीणों को एक पुराने कुंए के दूषित पानी से दैनिक कामकाज निपटाना पड़ रहा है. ग्रामीणों की मानें तो बारिश के कारण कुएं के पानी में कीड़े पड़ गए हैं, जिसे कपड़े से छानकर इस्तेमाल करना पड़ रहा है.कुएं के दूषित पानी से स्कूल में बन रहा मिड-डे मील
दुर्भाग्य की बात यह है कि इसी पानी से स्कूल में मिड-डे मील भी बनाया जाता है. जिससे स्कूली बच्चे लगातार बीमार पड़ रहे हैं. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि नगर पंचायत के गठन हुए 22 माह बीत गये, लेकिन आजतक एक भी विकास कार्य नहीं हुआ. यहां तक कि पानी जैसी सुविधा भी नहीं दी गई. नल-जल योजना के तहत डाली गई पाइपलाइन कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त है, जिससे लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द पेयजल व्यवस्था दुरुस्त नहीं की गयी तो सड़क जाम कर आंदोलन किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है