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कांड दैनिकी हाथ से लिखने की प्रथा दो माह में हो जायेगी खत्म : एडीजी

या कानून लागू हो गया है और नया कानून के तहत ही हमेें काम करना है.

– एडीजी सीआईडी पारसनाथ ने पुलिस लाइन का किया निरीक्षण, मूलभूत सुविधा व हथियारों के रखरखाव का लिया जायजा

मुंगेर

अपर पुलिस महानिदेशक सीआईडी पारसनाथ ने कहा कि बिहार पुलिस का डिजिटिलाइजेशन किया जा रहा है. अभी तक हाथ से कांड दैनिकी लिखने की प्रथा चली आ रही है. जिसमें हैंडराइटिंग की समस्या उत्पन्न होती है. हमारा लक्ष्य है दो माह के अंदर कांड दैनिकी को हाथ से लिखने की प्रथा पर विराम लगाते हुए लैपटॉप पर उसे लिख कर आदान-प्रदान किया जाय. वे शुक्रवार को मुंगेर पुलिस लाइन में निरीक्षण के उपरांत पत्रकारों से कही. मौके पर मुंगेर रेंज के डीआइजी राकेश कुमार, एसपी सैयद इमरान मसूद मुख्य रूप से मौजूद थे.

एडीजी ने कहा कि बिहार पुलिस को डिजिटल करने की दिशा में काम शुरू हो गया है. उन्हें लैपटॉप और मोबाइल फोन दिया गया है. साथ ही कंप्यूटर का बेसिक प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. यह पहल डिजिटल साक्ष्यों को प्रभावी ढंग से एकत्रित करने और रिकॉर्ड करने में मदद करेगी. उन्होंने कहा कि थाना, एसपी ऑफिस और पुलिस लाइन में इस प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है. जहां कम से कम एक घंटे का कंप्यूटर का बेसिक प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गयी है. उन्होंने कहा कि नया कानून लागू हो गया है और नया कानून के तहत ही हमेें काम करना है. बदलाव के लिए पांच वर्ष की समय सीमा दिया गया है. आनेवाले दिनों में कार्रवाई थोड़ी सी फिजिकल के बदले डिजिटल के रूप में चेंज होगी. उसमें फाेरेसिंक का मामला हो अथवा जांच का मामला. उन्होंने कहा कि अब तक की जो व्यवस्था है, उसमें व्यक्ति बयान को बदलता रहता है. चाहे कारण जो भी हो, लेकिन डिजिटलाइजेशन के बाद आप एक बार बयान देंगे, तो वह रिकाॅर्ड हो जाएगा. उसे कोई भी नहीं बदल सकता है. उसमें छेड़छाड़ की संभावना नहीं होगी, क्योंकि यह केंद्र सरकार की एजेंसी के कंट्रोल में रहेगी. उन्होंने कहा कि डिजिटल साक्ष्य को प्रमाणित करने के लिए अलग से गवाही की जरूरत नहीं होगी. क्राइम सीन को तत्काल अपलोड किया जायेगा.

पुलिस लाइन में मूलभूत सुविधाओं का लिया जायजा

एडीजी सीआईडी पारसनाथ को पुलिस लाइन में पुलिस जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. जिसके बाद उन्होंने डीआइजी व एसपी के साथ जहां हथियारों के रखरखाव वाले स्थल का निरीक्षण किया. वहीं पुलिसकर्मियों के आवास, शौचालय, कैंटिन सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं का जायजा लिया. साथ ही पुलिस लाइन में चल रहे कार्यो का भी जायजा लिया. भवनों के रखरखाव का भी उन्होंने मूल्यांकन किया. निरीक्षण उपरांत उन्होंने पत्रकारों से कहा कि हमलोगों को जो जिम्मेदारी दी गयी है. उसके तहत जिला का विजिट करना है. जो प्रभाग मिला है उस संबंध में जायजा लेने हैं. इसके अलावे 20 अलग-अलग बिंदु दिये गये हैं. जिसको देखना है कि उसके तहत काम हो रहा है अथवा नहीं. पिछली बार आया था तो कुछ चीजों को देखा था. थानों के कार्य और कांडों का मूल्यांकन किया था. इस बार पुलिस लाइन के संचालन व्यवस्था का जायजा लिया. इससे पूर्व गुरुवार की शाम उन्होंने कासिम बाजार थाना में नये कानून के तहत चल रहे कार्यों का भी अवलोकन किये थे.

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