26.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बेहतर स्वास्थ्य के लिए पारंपरिक ज्ञान लाभकारी : प्रो पापिया

बेहतर स्वास्थ्य के लिए पारंपरिक ज्ञान की जरूरत

तारापुर. आईआईटी पटना के एसोसिएट प्रो. डा. पापिया राज ने कहा कि हमें अपने पारंपरिक ज्ञान और जीवनशैली प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जो स्वास्थ्य प्रणाली को अधिक टिकाऊ बना सकती है. वे सोमवार को आईआईटी पटना एवं वुमेंस कलेक्टिव फॉरम, नई दिल्ली के सहयोग से राम स्वारथ कॉलेज, तारापुर में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रही थी. एम्स देवघर के डॉ अविजीत विश्वास ने कहा कि भेदभाव और कुपोषण की शिकार बच्चियां अक्सर एनीमिक हो जाती हैं. सरकार एनीमिया मुक्त भारत पर गंभीरता से कार्य कर रही है. एक बच्चे के टीकाकरण पर औसतन 55 हजार रुपये खर्च करती है. कार्यशाला में भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट सह प्रदेश प्रवक्ता जयराम विप्लव ने कहा कि सरकार के प्रयास तब सफल होंगे, जब समाज उसका सक्रिय भागीदार बनेगा. नैतिकता, जिम्मेदारी और जागरूक सोच से ही बदलाव संभव है. केवल कागज और कानून से चीजें नहीं बदलती है. उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा, जब हर नागरिक स्वस्थ होगा. पिरामल फाउंडेशन की रश्मि झा ने बाल विवाह, लिंग भेद और बच्चों के अधिकारों पर बल दिया. सोशल वर्कर स्मिता श्री ने कहा कि शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है. कार्यक्रम का समापन प्रो. आदित्य कुमार के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ. कार्यशाला में उपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया. मौके पर आनंदी पंडित, अनीता दास, सरिता दास, गीता देवी, शंभू शरण चौधरी, चन्द्रशेखर कुमार विष्णु, मुकेश चौधरी सहित आशा, ममता, आंगनबाड़ी सेविका, स्वास्थ्यकर्मी शामिल थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel