मुंगेर. प्रमंडलीय विकास संघर्ष मोर्चा मुंगेर एवं नौवागढ़ी विकास संघर्ष मोर्चा के नेताओं की संयुक्त बैठक शुक्रवार को शहर के हाजी सुभान में हुई. उसकी अध्यक्षता मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य सह शिक्षक नेता वकील राम ने की. जबकि संचालन अशोक चौधरी ने किया. प्रमंडलीय विकास संघर्ष मोर्चा के संरक्षक नरेश सिंह यादव एवं नौवागढ़ी विकास संघर्ष मोर्चा के नेता अधिकलाल मंडल ने कहा कि हमलोग वर्षों से मुंगेर विश्वविद्यालय की भवन निर्माण पर सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए धरना, उपवास एवं प्रदर्शन के माध्यम से सरकार व प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करते रहे हैं. बावजूद बिहार सरकार आज तक टालमटोल की नीति अपनायी हुई है. पूर्व सांसद विजय कुमार विजय ने कहा कि मुंगेर विश्वविद्यालय की स्थापना 18 मार्च 2018 को हुई. विश्वविद्यालय की विधिवत स्थापना के बाद मैं सर्वप्रथम ऋषिकुंड स्थित जमीन के संदर्भ में राज्य सरकार को अवगत कराया था. परंतु जमीन मालिकों द्वारा सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत मांगने के कारण वह प्रस्ताव रद्द हो गया. उसके बाद तेलिया तलाब के नजदीक स्थित जमीन के बारे में जिला प्रशासन को सुझाव दिया था. तत्कालीन जिलाधिकारी ने भी उक्त प्रस्ताव को सरकार के पास भी भेजा था. परंतु जमीन को बाढ़ प्रभावित कहकर उसे प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया. हाल ही में निवर्तमान शिक्षा सचिव बैजनाथ यादव की अध्यक्षता में एक टीम नौवागढ़ी एवं इंन्द्ररूख दोनों जगह की भूमि को दिखा. अब सरकार को इन्हीं दो भूमि में से किसी एक का चयन करना है. ऐसी स्थिति में कुछ संगठनों द्वारा किसी तीसरे जगह की मांग करना मुंगेर विश्वविद्यालय की भूमि चयन में बाधा डालने के समान है. बैठक में मोर्चा सदस्य शंकर दास, गजेंद्र कुमार हिमांशु, अशोक रजक, विकास यादव, ध्रुव कुमार सुधांशु उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है