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15 दिनों में नहीं भरा बकाया किराया तो खाली करना होगा परिसर

जिला परिषद ने अपने 92 स्टॉलधारियों को नोटिस भेजकर बकाया किराया भुगतान करने का निर्देश दिया है. यह नोटिस जिला परिषद की अंतिम नोटिस है.

जिला परिषद ने 92 स्टॉलधारियों को भेजा नोटिस

इकरारनामा में तय किराया में बढ़ोतरी से स्टॉलधारी हैं नाराज, नहीं भर रहे बढ़ा किराया

मुंगेर. जिला परिषद ने अपने 92 स्टॉलधारियों को नोटिस भेजकर बकाया किराया भुगतान करने का निर्देश दिया है. यह नोटिस जिला परिषद की अंतिम नोटिस है. अगर 15 दिनों के अंदर बकाया किराया का भुगतान स्टॉल के लीजधारी नहीं करते हैं तो उसके परिसर को खाली कराया जायेगा. जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी अजीत कुमार सिंह द्वारा जारी इस आदेश के बाद वर्षों से भाड़ा नहीं देने वाले दुकानदारों के बीच हड़कंप मच गया है.

जिप का है 212 स्टॉल, 92 लीजधारी नहीं कर रहे भुगतान

जिला परिषद अपने आंतरिक आय के स्रोत को बढ़ाने के लिए किला क्षेत्र, तारापुर, खड़गपुर, बरियारपुर, धरहरा, संग्रामपुर और सदर प्रखंड में कुल 212 स्टॉल का निर्माण कराया है. जिसे वर्षों पहले बेरोजगारों को रोजगार के लिए उपलब्ध कराया गया. जिसमें 92 ऐसे हट्टी स्टॉलधारी है, जो बकाये किराये का भुगतान ही नहीं कर रहे हैं. 50 लाख से अधिक किराया गिर गया, जिसके कारण इनको बकाया किराया भुगतान के लिए जिला परिषद से नोटिस भेजने का सिलसिला शुरू हुआ. तीन नोटिस भेजने के बाद भी 92 स्टॉलधारियों ने बकाया किराया नहीं भुगतान किया.

15 दिनों के अंदर देना होगा बकाया किराया

जिला परिषद से मिली जानकारी के अनुसार 92 दुकानदारों को अंतिम नोटिस भेजा गया है. जिस पर 50 लाख से अधिक का किराया बकाया है. नोटिस के माध्यम से लीजधारी स्टॉलधारियों को कहा गया कि जिला परिषद मुंगेर के स्वामित्व वाली किराया पर आवंटित व्यवसायिक दुकान के आवंटियों को किराया भुगतान के लिए तीन बार नोटिस भेजा गया. लेकिन अद्यतन किराया भुगतान अप्राप्त है. इसलिए सूचना प्रकाशन के 15 दिनों के अंदर बकाया किराया का शत-प्रतिशत भुगतान कर दें. अन्यथा बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 के सुसंगत धाराओं के तहत विधिसम्मत कार्रवाई करते हुए दुकान व परिसरों को खाली कराने की कार्रवाई की जायेगी. खाली करवाने में व्यय हुई राशि की वसूली भी संबंधित आवंटी से की जायेगी. 15 दिन बाद किराया जमा करने वाले आवंटियों पर बोर्ड द्वारा निर्धारित चक्रवृद्धि ब्याज भारित होगा.

बताया जाता है कि जिला परिषद ने जिन दुकान व परिसर को आवंटित किया है. उसका उस समय भाड़ा किसी का 500, 1000 तो किसी का 1500 था. कई स्टॉलधारियों का 2026 तक का एग्रीमेंट है. लेकिन जिला परिषद ने बीच में ही एग्रीमेंट से इतर भाड़ा में बढ़ोतरी कर दिया गया. जिसके बाद आवंटियों ने भाड़ा को एग्रीमेंट अवधी तक नहीं बढ़ाने की मांग की. लेकिन जिला परिषद ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया और बढ़ा हुआ किराये की मांग की जा रही है. जबकि निर्धारित भाड़ा किरायेदार से जिला परिषद में जमा नहीं लिया जाने लगा. जिसके कारण यह परेशानी उत्पन्न हो रही है.

जिला परिषद के आंतरिक स्रोत से प्राप्त होने वाली आय से ही यहां पर काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन का भुगतान किया जाता है. लेकिन 92 ऐसे किरायेदार हैं, जो किराये का भुगतान नहीं कर रहे हैं. इनको अंतिम नोटिस भेज कर 15 दिनों के अंदर बकाया राशि भुगतान करने को कहा गया है.

अजीत कुमार सिंह, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसीB

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