Rajgir Cricket Stadium: राजगीर की ऐतिहासिक धरती अब खेल के क्षेत्र में भी एक नया इतिहास रचने को तैयार है. यहां निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का काम अंतिम चरण में पहुंच चुका है. 72,843 वर्गमीटर क्षेत्र में फैला यह भव्य स्टेडियम ना केवल बिहार, बल्कि पूरे पूर्वी भारत में खेल की नई पहचान बनेगा.
इस स्टेडियम की दर्शक क्षमता 40,000 होगी और यहां छह मंजिला विशाल पवेलियन का निर्माण किया जा रहा है. इसके निर्माण में अंतरराष्ट्रीय मानकों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है. खास बात यह है कि पिच पर घास लगाने का कार्य विशेषज्ञों की देखरेख में किया जा रहा है, जिससे मैचों की गुणवत्ता और खिलाड़ियों का अनुभव विश्वस्तरीय होगा.
पिचों की खास तैयारी
स्टेडियम में कुल 13 पिचें बनाई जा रही हैं. इनमें से 6 पिचों के लिए महाराष्ट्र से विशेष लाल मिट्टी मंगवाई गई है, जबकि शेष 7 के लिए मोकामा से काली मिट्टी लाई गई है. मैदान की सतह को पूरी तरह से समतल और मजबूत बनाने के लिए पहले मिट्टी, फिर स्टोन चिप्स और अंत में बालू डाली गई है, ताकि बारिश के मौसम में भी खेल में कोई बाधा न आए.
हाई-टेक पवेलियन और सुविधाएं
इस स्टेडियम का मुख्य आकर्षण इसका छह मंजिला पवेलियन है, जिसमें खिलाड़ियों के लिए अत्याधुनिक ड्रेसिंग रूम, वीआईपी लाउंज, मीडिया सेंटर, प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल, कॉमेंट्री बॉक्स और प्रशासनिक कार्यालय बनाए जा रहे हैं. इसके अतिरिक्त, कोच और टीम मैनेजर के लिए भी अलग कमरे तैयार किए जा रहे हैं.
वीवीआईपी स्टैंड और भारतीय वास्तुकला की झलक
पवेलियन के डिज़ाइन में भारतीय वास्तुकला की झलक भी मिलेगी. वीवीआईपी मेहमानों के लिए अलग स्टैंड की व्यवस्था की जा रही है, जिससे यह स्टेडियम न केवल तकनीकी रूप से आधुनिक, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी खास बनेगा.
पर्यटन और युवाओं को मिलेगा लाभ
स्टेडियम के तैयार हो जाने से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों का आयोजन संभव हो पाएगा, जिससे विदेशी पर्यटक भी यहां आएंगे और स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. वहीं, बिहार के हजारों युवा खिलाड़ियों को यहां विश्वस्तरीय मंच मिलेगा, जो उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा. राजगीर का यह स्टेडियम बिहार के खेल इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होने वाला है.
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