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नवादा : रजौली में भ्रमण कर रहा 30 हाथियों का झुंड

नवादा न्यूज : घरों को किया ध्वस्त, खेतों में मनायी तबाही

नवादा न्यूज : घरों को किया ध्वस्त, खेतों में मनायी तबाही

रजौली.

प्रखंड क्षेत्र की चितरकोली पंचायत के रतनपुर गांव से प्रवेश कर 30 हाथियों का झुंड चौथे दिन गुरुवार को पूरा दिन हरदिया पंचायत के जमुनदाहा और बकरखुरी के जंगलों में भ्रमण करते नजर आया. इन हाथियों के झुंड में हाथियों के दो-तीन बच्चे भी शामिल हैं. हाथियों के भ्रमण से जंगली क्षेत्रों में बसे गांवों के लोगों की नींद व चैन उड़ी हुई है. लोग अपनी जान-माल बचाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं. हाथियों के झुंड ने कई लोगों के घर तोड़ डाले और कई लोगों के खेतों में लगी फसलों को नष्ट कर दिया. हालांकि, वन विभाग के रेंजर व अन्य कर्मी बुधवार की रात्रि जंगली क्षेत्र में हाथियों को भगाने और ड्रोन से निगरानी के लिए तत्पर थे, किंतु उन्हें हाथियों का झुंड दिखाई नहीं दिया था. वन विभाग द्वारा पश्चिम बंगाल के बांकुरा से हाथियों को भगाने के लिए स्पेशल टीम को बुलाने की बात कही गयी थी. गुरुवार की शाम तक टीम रजौली नहीं पहुंची है. भय से दर्जनों घरों की महिलाएं अपने बच्चों के साथ दूसरे गांव में एक पेड़ के नीचे रह कर हाथियों को दूर जाने का इंतजार कर रही हैं.

घरों को पहुंचाया नुकसान

हरदिया पंचायत के नावाडीह के फागुन सिंह व किशुन सिंह के अलावे सकिंदर सिंह, मुकेश सिंह, दरोगी सिंह, सुनील सिंह, राधे सिंह और रवींद्र सिंह के कच्ची घरों में हाथियों के झुंड ने तोड़फोड़ मचायी है. बकरखुरी के जुरह मुंडा समेत तीन लोगों की झोपड़ियों में हाथियों का झुंड घुस गया. उसमें रखे खाने-पीने वाले समान व बर्तनों को नष्ट कर दिया. कोसदरिया गांव के कुंवर मुंडा, करम सिंह मुंडा एवं गोगा तूती के घरों को ध्वस्त कर तहस-नहस कर दी है. लोग अपने उजड़े आशियाने को देख कर रोते-बिलखते दिखाई दे रहे हैं.

गुरुवार को पूरा दिन हाथियों का झुंड जमुनदाहा व बकरखुरी के जंगली क्षेत्रों में भ्रमण करते नजर आया. इस दौरान सुबह में लगभग छह बजे से लेकर आठ बजे तक रेलवे कैंप संख्या 38 के समीप रुके रहे. वहां से बकरखुरी पहुंचे, जहां जल-जमाव के आसपास हाथियों का झुंड पानी पीकर गांव की तरफ बढ़ने लगा. हाथियों के झुंड के पीछे-पीछे दर्जनों ग्रामीण उन्हें अपने गांव से बाहर करने के प्रयास में जुटे दिखाई दिये. किंतु, हाथियों का झुंड जमुनदाहा व बकरखुरी के जंगली क्षेत्रों में ही अपना डेरा जमाये है. इस भाग-दौड़ के कारण हाथियों का झुंड थक भी गया था. वह अपने छोटे बच्चों को सूंड की मदद से धकेलते हुए ले-जाते दिखाई दिये. ग्रामीणों ने कहा कि रात्रि में नावाडीह झराही व कोसदरिया में हाथियों का झुंड था. गुरुवार की सुबह से लेकर शाम तक हाथियों का झुंड जमुनदाहा व बकरखुरी में ही पड़ा हुआ है. लोग हाथियों के झुंड को अपने क्षेत्र से दूर भगाने को लेकर प्रयासरत हैं.

हाथियों से भयभीत ग्रामीणों ने छोड़ा अपना घर

नावाडीह में बुधवार को हाथियों ने बकरखुरी के तीन घरों में तोड़फोड़ की व खाने की सामग्री को बर्बाद कर दिया. हाथियों से महिलाओं और बच्चों को बचाने को लेकर दर्जनों लोग जमुनदाहा गांव में एक बरगद के पेड़ के नीचे अपना डेरा जमाये हैं. महिलाएं अपने बच्चों को रात्रि में माड़-भात खिलाते नजर आयीं. हाथियों के झुंड के भय से घर से बेघर हुई महिलाओं व बच्चों की आंखें मदद की पुरजोर गुहार लगा रही हैं. उन्होंने बताया कि गांव में कुछ लोगों ने नवजात बच्चों के लिए दूध दिये हैं, तो कुछ लोगों ने अपने घरों से खाना भी लाकर दिया है. किंतु, गांव वालों के लिए पूरे परिवार को भोजन मुहैया कराना भी संभव नहीं है. गांव वालों ने कहा कि स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की ओर से राहत सामग्री की कोई व्यवस्था नहीं की गयी थी. यदि हाथियों का झुंड जल्द ही ग्रामीण क्षेत्रों से दूर नहीं गया, तो बेघर लोगों के जीवन-यापन में काफी परेशानी हो सकती है.

धू-धू कर जल रहा जंगल

जमुनदाहा व बकरखुरी में हाथियों के झुंड को दूर भगाने को लेकर ग्रामीणों की ओर से जंगल में आग लगा दी गयी है, जो भयंकर रूप ले लिया है. आग का फैलाव इतना बढ़ गया है कि लोगों को सांस लेने में भी काफी परेशानी हो रही है. आग व धुएं से पूरा वातावरण धुंधला हो गया है. आग की लपटें जंगल को धीरे-धीरे तबाह करने में लगी हैं. हाथियों के झुंड को विवेकपूर्ण नहीं दूर भगाया गया, तो जंगल पूरी तरह जलकर राख हो जायेगा. अग्निशमन के दर्जनों वाहन मिलकर भी जंगल में लगी आग पर काबू नहीं पा सकता है. ग्रामीणों ने कहा कि गुरुवार की सुबह से लेकर तीन बजे तक वन विभाग के लोग कहीं दिखाई नहीं दिये. इसीलिए, ग्रामीणों को लगा कि आग से हाथियों के झुंड डरते हैं और उन्होंने आग लगा दी.

क्या कहते हैं अधिकारी

इस बाबत डीएफओ नवादा श्रेष्ठ कुमार कृष्ण ने बताया कि हाथियों के झुंड में लगभग 30 की संख्या में हाथी शामिल हैं. वनकर्मी हाथियों के झुंड को ग्रामीण क्षेत्र से दूर रखने को लेकर प्रयासरत है. बांकुरा की टीम के आने का इंतजार है. साथ ही बताया कि रैयती भूमि में बने घरों एवं खेतों के नुकसान की भरपाई जांच के बाद विभाग की ओर से की जायेगी, जबकि जंगली क्षेत्रों में अवैध कब्जा कर रह रहे लोगों की क्षतिपूर्ति नहीं की जायेगी. साथ ही कहा कि जल्द ही हाथियों के झुंड को दूर जंगली क्षेत्र में भेजने का प्रयास निरंतर किया जा रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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