कहा-एक हजार में दम नहीं, 21 हजार रुपये से कम नहीं फोटो-हड़ताल में शामिल आशा. प्रतिनिधि, अकबरपुर अकबरपुर में वेतन वृद्धि और सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं मिलने से नाराज आशा द्वारा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल बुधवार को की गयी. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में बिहार राज्य आशा संघ के आवाहन पर यह हड़ताल की गयी. संघ की ओर से प्रेमलता सिन्हा ने बताया कि पिछले आंदोलन के बाद सरकार ने वेतन वृद्धि और सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने का आश्वासन दिया था. लेकिन, केंद्र और राज्य सरकार द्वारा वादे पूरे नहीं किये जाने के कारण आशा ने नौ जुलाई को सांकेतिक हड़ताल की घोषणा के तहत अकबरपुर सीएचसी के गेट पर धरना प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को लेकर नारे लगाये. आशा का कहना कि 1000 में दम नहीं और 21000 से कम नहीं. अगर सरकार नहीं मानी, तो यह आंदोलन सड़क से लेकर सदन तक करेंगे. आशा की प्रमुख मांगों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा उन्हें कर्मचारी घोषित करना और 21,000 रुपये मानदेय देना शामिल है. साथ ही बकाया राशि का भुगतान भी मांगा गया है. आशा के आंदोलन से प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के तहत लगने वाला शिविर पूरी तरह प्रभावित रहा. हालांकि, गर्भवती महिलाएं जांच के लिए आयी थीं, लेकिन आशा ने उन्हें आरजू विनती करते हुए वापस घर भेज दिया. इसी तरह से ममता कार्यकर्ता ने भी एक दिन की सांकेतिक हड़ताल की. अपनी मांगों को लेकर आशा के साथ कदम से कदम मिलाकर हड़ताल में शामिल हुईं. हड़ताल में भाग लेने वालों में आशा प्रेमलता सिन्हा, लालमणि देवी, अनिता कुमारी, बेबी पांडेय, उषा कुमारी, रेखा कुमारी, पूनम कुमारी, सुलेखा कुमारी, ममता मानो देवी, कमला देवी, शांति देवी, उर्मिला देवी, सुनीता देवी, रंजू देवी आदि शामिल थे.
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