मस्जिदों और ईदगाहों में बकरीद की नमाज अदा करेंगे अकीदतमंद
प्रतिनिधि, नवादा नगर.
जिले में ईद-उल-अजहा यानी बकरीद का त्योहार शनिवार को मनाया जायेगा. प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये हैं और सभी पुलिस थानों को अलर्ट कर दिया गया है. बकरीद को लेकर शुक्रवार को बाजारों में जमकर खरीदारी हुई. लोगों ने कुर्बानी के लिए बकरों की खरीदारी की, जबकि सेवई और अन्य सामानों की भी खरीदारी हुई. शनिवार को मस्जिदों और ईदगाहों में लोग बकरीद की नमाज अदा करेंगे और अल्लाह तआला से बंदगी कर अमन-चैन के लिए दुआ करेंगे.बकरा बाजार में उमड़ी भीड़
खुरी नदी हाट के बकरा बाजार में लोगों की भीड़ उमड़ी. 18 हजार से 50 हजार रुपये तक के बकरे बिके. लोगों ने अपने पसंद के अनुसार बकरे खरीदे.सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये हैं. सभी पुलिस थानों को अलर्ट कर दिया गया है और सीमावर्ती थानों को विशेष निर्देश दिये गये हैं. प्रशासन ने लोगों से शांति और सौहार्द बनाये रखने की अपील की है.मस्जिदों और ईदगाहों में तैयारियां पूरी
मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. लोग शनिवार को बकरीद की नमाज अदा करेंगे और कुर्बानी देंगे.नमाज की समय-सारणी घोषित
नेशनल इस्लामिक फेस्टिवल फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष नेजाम खान ने बकरीद की नमाज की समय-सारणी की घोषणा की है. शहर की विभिन्न मस्जिदों में नमाज के समय निम्नलिखित हैं:– बड़ी दरगाह की मस्जिद : सुबह 6:30 बजे एक जमात- इस्लाम नगर की मस्जिद : सुबह 6:30 बजे और 7:30 बजे दो जमात- मदरसा फैजुल बारी भदैनी राबिया मस्जिद : सुबह 6:30 बजे- नन्हू नगर भदैनी की मस्जिद : सुबह 6:30 बजे- कुरैशी मुहल्ला की कुरैशी मस्जिद : सुबह 6:30 बजे- रजा नगर भदैनी की जमा मस्जिद : सुबह 6:30 बजे- मोगलखार की बड़ी मस्जिद जमा मस्जिद : सुबह 6 बजे और 7 बजे दो जमात- अजमत नगर की अल्मिनार मस्जिद : सुबह 5:45 बजे एक जमात- मोगलखार की मस्जिद कलीमुल्ला : सुबह 6:15 बजे- अंसार नगर की जमा मस्जिद : सुबह 6 बजे- ईद गाह में अंतिम नमाज : सुबह 9 बजे
शांति और सद्भाव बनाये रखने की अपील
नेजाम खान ने सभी नमाजी हजरात से अपील की है कि वे अपनी स्थानीय मस्जिद में नमाज अदा करें और ईद-उल-अजहा की रूह को महसूस करें. मुस्लिम पर्व समूह के अध्यक्ष और जिला शांति समिति के सदस्य ने एक महत्वपूर्ण बयान में कहा कि दोनों समुदायों के लोगों को जुलूस में ताकत का प्रदर्शन नहीं, बल्कि आदर्श और शांति का संदेश देना चाहिए. असामाजिक तत्व चाहे वे किसी भी समुदाय के हों, उनकी कोई जात नहीं होती, वे अधर्मी होते हैं और केवल शांति और सद्भाव को मिटाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे तत्वों को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. दोनों समुदायों के लोगों से शांति और सद्भाव बनाये रखने की अपील की गयी. उन्होंने प्रशासन से भी अपील की कि शांति और सद्भाव खराब करने वाले चंद लोगों पर नजर रखी जाये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है