नवादा न्यूज : बाराचुआं जंगल क्षेत्र में हाथियों ने जमाया डेरा
रजौली.
प्रखंड के वन क्षेत्र में झारखंड से आये 30 हाथियों का झुंड इस क्षेत्र को छोड़ने को तैयार नहीं है. मौसम के बदलते मिजाज ने हाथियों के मन को भी बदल दिया है. हालांकि, हाथियों के झुंड को झारखंड की ओर भेजने को लेकर डीएफओ नवादा श्रेष्ठ कृष्ण के निर्देशानुसार रेंजर मनोज कुमार की अगुआई में टीम लगातार प्रयासरत है. पश्चिम बंगाल के बांकुरा से आयी टीम हाथियों को भगाने में लगातार पसीना बहाकर मेहनत कर रही है. हाथियों के झुंड ने कई ग्रामीणों के घर एवं खेत को बर्बाद किया है, किंतु करीब 10 दिनों से घूम रहे हाथियों से किसी के हताहत होने की सूचना अबतक नहीं मिली है. बुद्धिजीवी यह अनुमान लगा रहे हैं कि हाथियों का झुंड शांतिप्रिय है. ग्रामीणों के छेड़छाड़ के कारण थोड़ा-बहुत नुकसान पहुंचाया है. यह भी कहा जा रहा है कि झारखंड के जंगली क्षेत्र में पानी की कमी के कारण हाथियों का झुंड बिहार क्षेत्र में प्रवेश कर गया है. इसीलिए, हाथियों का झुंड इस क्षेत्र को छोड़कर जाना नहीं चाहता है. फिलहाल, हाथियों का झुंड दिबौर के जंगल से होते रतनपुर के रास्ते खड़कथंबी के जंगल में आशियाना बना रखा है. हाथियों के गांवों के आसपास भ्रमणशील रहने पर ग्रामीणों की नींद उड़ी हुई है.क्या कहते हैं अधिकारी
इस बाबत डीएफओ नवादा श्रेष्ठ कुमार कृष्ण ने बताया कि गर्मी के मौसम के कारण हाथी बिहार के जंगली क्षेत्र छोड़कर जाने को तैयार नहीं है. क्योंकि, झारखंड के जंगली क्षेत्र में हाथियों समेत अन्य जंगली जीवों को पानी नहीं मिल पाता है. हालांकि, टीम उनकी दिशा बदलने का प्रयास लगातार कर रही है. हाथियों का झुंड मंगलवार की रात्रि तक बाराचुआं क्षेत्र में भ्रमणशील था. हाथी बुधवार की सुबह से रतनपुर क्षेत्र में पानी वाले स्थान के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं. साथ ही बताया कि हाथियों की संख्या अधिक रहने के कारण उनकी दिशा परिवर्तन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है