धान की रोपनी पर संकट के बादल
प्रतिनिधि, रजौली.
रजौली प्रखंड में भीषण गर्मी और बारिश की कमी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. धान की रोपनी के लिए खेतों को तैयार कर रहे किसान असमंजस में हैं, क्योंकि समय पर पर्याप्त बारिश नहीं होने से उनकी मेहनत और आर्थिक स्थिति दोनों पर बुरा असर पड़ रहा है. किसानों के लिए धान की उपज में बारिश एक महत्वपूर्ण कारक है, लेकिन पिछले कई दिनों से बारिश नहीं होने के कारण वे काफी परेशान हैं. प्रखंड के किसान रंजीत सिंह, संजय प्रसाद, मुन्ना सिंह, अंबिका राम ने बताया कि पिछले कुछ सालों से धान के सीजन में पर्याप्त बारिश नहीं हो रही है, जिससे उन्हें लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है. उनकी कड़ी मेहनत के बावजूद पानी की कमी से फसल खराब हो जाती है और उन्हें आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है.किसानों ने कहा कि हाल ही में हुई हल्की बारिश उनके खेतों के लिए अमृत समान थी, लेकिन अब मौसम में लगातार बदलाव देखा जा रहा है. गर्म का मौसम बना रहना किसानों के लिए एक बड़ा चिंता का विषय बन गया है. हालांकि, कुछ किसान अभी भी हिम्मत नहीं हारे हैं. वे बचे पानी और स्थानीय ट्रैक्टर चालकों की मदद से खेतों की जुताई कर धान की बुआई की तैयारी कर रहे हैं.
लेंगुरा पंचायत के किसान मुकेश पंडित और राकेश कुमार ने बताया कि उनके गांव के ट्रैक्टर चालक विकास कुमार उर्फ कारू 1400 रुपये प्रति बिगहा की दर से खेतों को धान की बुआई के लिए तैयार कर रहे हैं. किसान अभी भी मौसम विभाग के अनुसार इस बार पर्याप्त बारिश की उम्मीद लगाये हैं.इसी उम्मीद में वे अपने खेतों में धान की फसल के लिए लगातार मेहनत कर रहे हैं. किसानों का मानना है कि अच्छी बारिश होने से उन्हें सिंचाई के लिए ट्यूबवेल या अन्य महंगे साधनों पर कम निर्भर रहना पड़ेगा, जिससे उनकी लागत भी बचेगी और पैदावार भी अच्छी होगी.
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