नवादा नगर. शहर में जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है. ठीक वैसे-वैसे ही ठंडी वस्तुओं की मांग बढ़ रही है. गर्मी के कारण लोग धूप में घरों से निकलने से परहेज कर रहे हैं. शाम को बाजार में मौसमी फलों की दुकानों व पेय पदार्थ के ठेलों पर ग्राहकों की भीड़ दिख रही है. तरबूज विक्रेता ने बताया कि इन दिनों तरबूज में भरपूर रस होने की वजह से बिक्री में बढ़ी है. लोग तरबूज को ठंडे पानी में चार से पांच घंटे ठंडा होने के लिए रख देते हैं. इसके बाद में इसका सेवन करते हैं. उन्होंने का कि तरबूज अन्य मौसमी फलों की कीमत से काफी सस्ता है. इसके अलावा लोग नींबू की शिकंजी, लस्सी, छाछ, नारियल पानी लोग खूब पी रहे हैं. लेकिन, महंगाई का असर इन पर भी पड़ा है. नींबू की शिकंजी में न केवल नींबू कम मात्रा में डाला जा रहा है, बल्कि डिस्पोजल ग्लास बनाने वालों ने ग्लास का साइज भी हल्का-सा छोट किया गया है. तापमान में वृद्धि होने से लोग गर्मी से बेहाल नजर आ रहे हैं. शहर के हर चौक-चौराहे पर गन्ने का रस बेचने वाले, कोल्ड ड्रिंक्स विक्रेता, जूस विक्रेता, नारियल पानी व नींबू शिकंजी बेचने वालों के यहां ग्राहकों की भीड़ दिखाई देने लगी है. बच्चों व युवाओं को आइसक्रीम अपनी ओर खींच रही है. शीतल पेयों की सबसे अधिक बिक्री बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, प्रजातंत्र चौक, प्रसादबीघा, सब्जी मंडी के पास और प्रमुख बाजारों में हो रही है. आम का जूस मिल रहा बाजारों में आम के जूस की भी गर्मियो में विक्री बढ़ गयी है. जूस विक्रेता गोपी कुमार ने बताया कि इस सीजन में आम के जूस पीने वालों की भीड़ लगी रहती है. आम के रस में फाइबर की मौजूदगी पाचन को नियंत्रित करने, एसिडिटी की समस्या को दूर करने और पाचन तंत्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करती है. गमों के दिनों में प्रतिदिन दो सौ किलो आम का रस बिक जाता है. प्रति गिलास 10 और 20 रुपये में बेच रहा हूं. देशी बिहारी ड्रिंक सत्तू भी है खास गर्मी के मौसम हो और चने की सत्तू की बात ही कुछ और होती है. सत्तू की तासीर ठंडी होती है. इससे गर्मियों में इसका सेवन करने से लू और डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती. सत्तू का शरबत पीने से पेट और शरीर ठंडा रहता है. सत्तू के शरबत पी रहे शिक्षिका अनीता देवी ने बताया कि सत्तू पेट से कब्ज को दूर करता है. इसके अलावा गर्म हवाओं से भी शरीर को सुरक्षित रखता है. सामान पर महंगाई का असर सामानों पर महंगाई का असर दिख रहा है. शिकंजी गिलास के आकार के अनुसार, 10 व 30 रुपये में मिल रहा है. शहर में मेन रोड पर शिकंजी बेच रहे मुन्ना कुमार ने बताया कि नीबू व दूसरा सामान महंगा मिलने के कारण शिकजी भी महंगी हो गयी है. बहुत हल्के वाला छोटे आकार का नींबू आठ रुपये प्रति पीस मिल रहा है. पूर्व में जो छोटे डिस्पोजल गिलास 35 रुपये में 100 पीस मिलते थे, वे अब 60 रुपये में 100 पीस हो गये हैं. यही नहीं गिलास का साइज भी निर्माताओं ने छोटा कर दिया है. इस साल मिल रहे गिलास में 30 एमएल पानी कम आता है. दो साल पहले चीनी 36 से 40 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से मिलती थी, लेकिन अब चीनी का दाम 48-50 रुपये प्रति किलो हो गया हैं. बर्फ भी महंगी मिल रही है. छोटू ने कहा कि शिकंजी के रेट ग्राहक की स्थिति को देखते हुए बढ़ा नहीं सकते. अगर बढ़ा देंगे, तो बिक्री पर सीधा असर पड़ेगा. पानी वाला कच्चा नारियल 60 से 80 रुपये में और दही की लस्सी 25 से 35 रुपये तक मिल रही है. गन्ने का रस 10 से 20 रुपये प्रति गिलास मिलता है.
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