ऊर्जा मंत्रालय में उत्कृष्ट योगदान के लिए किया गया है सम्मानित
टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन में जनसंपर्क अधिकारी के रूप में है कार्यरत
प्रतिनिधि, हिसुआ
ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्यरत टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन में जनसंपर्क अधिकारी के रूप में कार्यरत नवादा जिले के लाल सुमन शेखर को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है. उन्हें यह सम्मान जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में आयोजित तीन दिवसीय भारत संरचना राष्ट्रीय कार्यक्रम में प्रदान किया गया, जहां देशभर के विभिन्न मंत्रालयों, सार्वजनिक उपक्रमों और संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए. सुमन शेखर मूल रूप से नवादा जिले के मेसकौर प्रखंड के मेढ़कुरी गांव के निवासी हैं. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पहले स्नातक फिर स्नाकोत्तर की पढ़ाई पूरी की है. पढ़ाई के बाद उन्हें ऊर्जा मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन में जनसंपर्क अधिकारी के रूप में चयनित किया गया, जहां वे वर्तमान में उत्तराखंड स्थित निगम के मुख्यालय में कार्यरत हैं. सुमन को यह सम्मान राज्यसभा सांसद गुलाम अली खटाना ने प्रदान किया. इस कार्यक्रम का उद्घाटन जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने किया. कार्यक्रम का उद्देश्य देश में विभिन्न मंत्रालयों की उपलब्धियों, नवाचारों और जनहित कार्यों को एक साझा मंच पर प्रस्तुत करना था. सुमन को यह सम्मान विशेष रूप से बिजली के किफायती और विवेकपूर्ण उपयोग को लेकर चलाए गये जनसंपर्क अभियानों के लिए प्रदान किया गया. पिछले एक वर्ष से वे पहाड़ी क्षेत्रों में ऊर्जा संरक्षण, बिजली बचत और स्मार्ट ऊर्जा उपकरणों के उपयोग को लेकर जनजागरूकता अभियान चला रहे हैं. उनके नेतृत्व में चलाये गये अभियानों से लोगों के व्यवहार में बदलाव आया है और ऊर्जा के विवेकपूर्ण उपयोग को लेकर जागरूकता बढ़ी है.उपभोक्ता ऊर्जा का सही तरीके से उपयोग करे: सुमन शेखर
सम्मान प्राप्त करने के बाद सुमन शेखर ने कहा, “ऊर्जा मंत्रालय चौबीसों घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीकों को लागू कर रहा है, लेकिन यह तभी सार्थक होगा जब हम, उपभोक्ता, ऊर्जा का सही तरीके से उपयोग करें। यह केवल सरकार की नहीं, बल्कि हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है. सुमन की इस उपलब्धि से नवादा जिला गौरवान्वित हुआ है. यह सम्मान न केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि यह दर्शाता है कि देश के दूरस्थ गांवों से निकले युवा भी राष्ट्रीय मंचों पर अपनी प्रतिभा और प्रतिबद्धता के बल पर पहचान बना सकते हैं.
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