अकबरपुर.
श्रीमद्भागवत कथा और श्रीराम कथा मानव कल्याण के साथ हमें सत्य के मार्ग पर चलने की सीख देती हैं. मनुष्य को सही रास्ते पर चलने के लिए दोनों कथाओं का समय-समय पर अनुसरण करते रहना चाहिए. भगवान श्रीकृष्ण ने कहा था कि जो मुझे सच्चे मन से याद करेगा, मैं हमेशा के उसके साथ रहूंगा. इसलिए मनुष्य को सत्य के मार्ग पर चलने के साथ अपना मन भी शुद्ध रखना चाहिए. यह बातें रविवार को अकबरपुर संगत परिसर में चल रहे शत चंडी महायज्ञ के दौरान प्रिया किशोरी जी महाराज श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कहीं. कथा के चौथे दिन उन्होंने श्रीकृष्ण जन्म की लीला का वर्णन किया. उन्होंने कहा कि भगवान की लीलाएं मानव जीवन के लिए प्रेरणादायक हैं. भगवान कृष्ण ने बचपन में अनेक लीलाएं की. बाल कृष्ण सभी का मन मोह लिया करते थे. नटखट स्वभाव के चलते यशोदा मां के पास उनकी हर रोज शिकायत आती थी. कथा के अंत में यज्ञ आयोजक महंत नेपाल बक्स दास, विक्रम बरनवाल, अजीत बरनवाल, सहदेव सोनकर, पप्पू साहब, आदि बड़ी संख्या महिला पुरुष श्रद्धालु लोग शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है