स्तनपान से शिशु मृत्यु दर कम होती है, जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान शुरू करना जरूरी
प्रतिनिधि, मेसकौर
मेसकौर मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर शनिवार को विश्व स्तनपान सप्ताह का शुभारंभ हुआ. इस कार्यक्रम में डॉक्टर, आशा, एएनएम और स्वास्थ्य कर्मियों ने हिस्सा लिया. चिकित्सा प्रभारी डॉ सुबीर कुमार ने बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह हर साल एक से सात अगस्त तक मनाया जाता है. इसका उद्देश्य नवजात शिशुओं और माताओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए स्तनपान को सुरक्षित और प्रोत्साहित करना है. डॉ रोहित कुमार व डॉ शैलेन्द्र कुमार ने कार्यक्रम में बताया कि स्तनपान शिशु मृत्यु दर को कम करने में मदद करता है. यह बच्चों के पोषण और प्रारंभिक विकास में भी अत्यंत सहायक है. जन्म के एक घंटे के भीतर नवजात को स्तनपान कराना जरूरी है.छह माह तक केवल स्तनपान और फिर दो वर्ष की आयु तक संपूरक आहार के साथ स्तनपान जारी रखना चाहिए. महिला चिकित्सक डॉ नीमलिका सिंह ने बताया कि सीजेरियन ऑपरेशन के बाद भी स्तनपान तुरंत शुरू करना आवश्यक है. यह शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और मां के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है. कार्यक्रम में भारत सरकार के 2016 में शुरू किए गए मां (मदर एबस्ल्यूट अफेक्शन) अभियान की जानकारी भी दी गयी. कार्यक्रम का उद्देश्य स्तनपान और ऊपरी आहार को बढ़ावा देना है. इसका नारा है – स्तनपान विकल्प नहीं, संकल्प है. इस अवसर पर स्वास्थ्यकर्मियों ने जागरूकता बढ़ाने और माताओं को सहयोग देने के लिए सामूहिक प्रयासों पर बल दिया. कार्यक्रम में महिलाओं ने अपनी जिज्ञासाएं साझा कीं और स्तनपान से जुड़ी भ्रांतियों को दूर किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है