संवाददाता, पटना पटना में 80 प्रतिशत हत्याओं का कारण जमीन, आपसी विवाद व पैसे के लेनदेन है. जनवरी से 20 जुलाई तक 162 हत्याओं का पुलिस ने जब खुलासा किया तो ज्यादातर हत्याएं जमीन, पैसे के लेनदेन का विवाद सामने आया है. गोपाल खेमका, चंदन मिश्रा समेत तमाम बड़ी वारदात के पीछे तीनों कारणों में से कोई एक वजह सामने आयी है. बीते जून में 25 हत्या तो जुलाई में 20 दिनों में 21 हत्या शामिल है. इस साल के आंकड़ों की बात करें तो करीब 130 हत्याओं में 50 से अधिक हत्या जमीन विवाद, 40 हत्या आपसी विवाद और 40 हत्या पैसों की लेनदेन के कारण हुई है. इसके अलावा बाकी की बची 32 हत्याओं में प्रेम प्रसंग, वर्चस्व और घरेलू विवाद की बात सामने आयी है. हत्याओं के पीछे कारणों की समीक्षा में पुलिस के लिए अच्छी बात यह है कि फिरौती को लेकर हत्याएं शून्य हुई हैं. इसके पीछे कारण यह है कि सूचना या आवेदन मिलते पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की, जिसके कारण फिरौती को लेकर हत्या रुक गयी. वहीं वरीय अधिकारियों के आदेश के बाद पटना पुलिस छोटे-मोटे विवाद में हत्या कर देने की बात को भी गंभीरता से लिया और कार्रवाई कर रही है. कुख्यात चंदन मिश्रा हत्याकांड के शूटर तौसीफ की रिमांड अवधि खत्म, भेजा गया जेल 17 जुलाई को पारस अस्पताल में घुस कर कुख्यात चंदन मिश्रा की हत्या करने के आरोपित तौसीफ रजा उर्फ बादशाह के पुलिस रिमांड की अवधि समाप्त हो गयी. इसके बाद उसे शुक्रवार को वापस बेऊर जेल भेज दिया गया है. तौसीफ को हाइ सिक्योरिटी सेल में रखा गया है. नीशू, हर्ष, भीम सभी को अलग-अलग सेल में रखा गया है और बेऊर जेल प्रशासन भी अपने स्तर से निगरानी कर रही है. दूसरी ओर पटना पुलिस अब भोजपुर जेल में बंद अभिषेक को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. अभिषेक भोजपुर के बिहिया इलाके में हुई मुठभेड़ के बाद पकड़ा गया था, जबकि इसके दो साथी बलवंत सिंह व रविशंकर सिंह जख्मी हो गये थे. एसपी मध्य दीक्षा ने बताया कि तौसीफ से पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया है. जांच की जा रही है. पुलिस टीम ने बेऊर जेल में जाकर नीशू खान से पूछताछ की थी, जिसमें यह बात सामने आयी है कि पुरुलिया जेल में बंद शेरू सिंह ने नीशू खान को उसकी वैशाली की विवादित जमीन पर कब्जा दिलाने का वादा किया था. केवल शर्त यह रखी थी कि वह चंदन मिश्रा की हत्या करा दे. इसके बाद नीशू ने अपने मौसेरा भाई तौसीफ से संपर्क किया, तो उसने पैसा मांगा, क्योंकि वह 20 लाख रुपये जुआ में हार चुका था. इसके बाद शेरू सिंह ने सभी शूटरों को पांच-पांच लाख रुपये देने की हामी भरी थी. नीशू ने जमीन कब्जा कराने के लिए तौसीफ से मिल कर चंदन मिश्रा की हत्या की सुपारी ले ली.
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