Bihar Road News: अरवल शहरवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी है. वर्षों से उठ रही मांग के बाद आखिरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अरवल में 12.8 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड बाईपास के निर्माण को स्वीकृति दे दी है. इस परियोजना पर करीब 6 अरब रुपये खर्च होंगे. इससे शहर को भीषण जाम की समस्या से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है.
भारी वाहनों की आवाजाही से बनी रहती है जाम की स्थिति
अरवल शहर, खासकर भगत सिंह चौक के पास ट्रैफिक की स्थिति बेहद जटिल रहती है. यह इलाका तीन महत्वपूर्ण मोड़ों का संगम है, जहां एनएच-139 और अरवल-जहानाबाद एनएच-33 मिलते हैं. दोनों मार्गों पर बालू लदे भारी वाहनों की निरंतर आवाजाही के कारण आए दिन सड़क जाम हो जाता है. नतीजतन, आमजन, स्कूली बच्चे, दुकानदार और यहां तक कि एम्बुलेंस सेवाओं तक को प्रभावित होना पड़ता है.
स्थानीय लोगों ने की थी बाईपास की मांग
स्थानीय व्यापारी संगठनों, खासकर चैंबर्स ऑफ कॉमर्स, ने कई बार इस समस्या को उठाया था और बाईपास निर्माण की मांग की थी. अब इस मंजूरी के बाद, उम्मीद की जा रही है कि भारी वाहनों को शहर में प्रवेश नहीं करना पड़ेगा, जिससे आवागमन सुगम होगा और व्यवसाय भी प्रभावित नहीं होगा.
भू-अर्जन के बाद तैयार होगी डीपीआर
एनएच-139 के कार्यपालक अभियंता तुलसी प्रसाद ने बताया कि यह बाईपास प्रसादी इंग्लिश बाजार से शुरू होकर समाहरणालय के पूरब मोथा गांव से होते हुए पिपरा बंगला के समीप एनएच-139 से पुनः जुड़ जाएगा. फिलहाल भू-अर्जन की प्रक्रिया जारी है. इसके बाद डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार की जाएगी और जमीन अधिग्रहण का कार्य शुरू किया जाएगा. जल्द ही निर्माण कार्य की दिशा में ठोस पहल की जाएगी. इस बाईपास परियोजना से अरवल न सिर्फ जाम से मुक्त होगा, बल्कि क्षेत्र में यातायात व्यवस्था भी आधुनिक होगी, जिससे विकास को गति मिलेगी और जनजीवन सहज बनेगा.
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