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पटना में स्कूली बच्चों की परिवहन सुरक्षा के लिए बनेगी बाल परिवहन समिति

पटना जिले में स्कूली बच्चों की सुरक्षित परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये विद्यालय वाहन परिचालन विनियम 2020’ के तहत स्कूलों में बाल परिवहन समिति का गठन किया जायेगा

– विद्यालय वाहन परिचालन विनियम 2020’ के तहत उठाया जा रहा कदम – पटना डीटीओ ने दो हजार से अधिक क्षमता वाले स्कूलों को भेजा मेल संवाददाता, पटना पटना जिले में स्कूली बच्चों की सुरक्षित परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये विद्यालय वाहन परिचालन विनियम 2020’ के तहत स्कूलों में बाल परिवहन समिति का गठन किया जायेगा, जो स्कूली वाहनों के संचालन को मानक के अनुरूप बनायेगी. पटना जिला परिवहन कार्यालय ने दो हजार से अधिक क्षमता वाले स्कूलों को इस संबंध में ई-मेल भेजा है. इसमें स्कूलों से वाहनों की संख्या (बस, मिनी बस, ओमिनी वैन, वैन इत्यादि), मालिक का नाम, कॉन्ट्रैक्ट की जानकारी और वाहन पंजीकरण नंबर मांगा है. विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य जिन स्कूलों में छात्रों की सख्या दो हजार से अधिक है, वहां बाल परिवहन समिति के तहत एक परिवहन प्रभारी की नियुक्ति होगी, जिसकी जानकारी जिला परिवहन पदाधिकारी के पास होगी. समिति के अध्यक्ष स्कूल के प्रधानाघ्यापक होंगे. सदस्य के रूप में दो अभिभावक, शिक्षक संघ के एक प्रतिनिधि, संबंधित क्षेत्र के यातायात पुलिस निरीक्षक, मोटरयान निरीक्षक, शिक्षा विभाग के एक प्रतिनिधि और स्कूल बस मालिकों के एक प्रतिनिधि को शामिल किया जायेगा. स्कूल के परिवहन प्रभारी समिति के सदस्य सचिव होंगे. यह समिति हर तीन महीने में एक बार बैठक करेगी और स्कूली वाहनों की मानक के अनुरूप परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करेगी. स्कूली वाहनों के लिये होंगे यह नियम – वाहन स्कूल प्रबंधन, प्रधानाचार्य, निदेशक या अन्य पदाधिकारी के नाम पर पंजीकृत होना चाहिए. – वाहन की बॉडी सुनहरे पीले रंग की हो, जिसपर स्कूल का नाम स्पष्ट अक्षरों में लिखा हो. – किराये या लीज वाले वाहनों पर ‘ऑन स्कूल ड्यूटी‘ लिखना अनिवार्य. – वाहन की अधिकतम गति सीमा 40 कि.मी. प्रति घंटा. – वाहन में एक प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स, अग्निशामक यंत्र, जीपीए., व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और पैनिक बटन लगाना अनिवार्य होगा. – वाहन में स्कलू बैग रखने की उचित व्यवस्था. – दिव्यांग बच्चों लिए विशेष सुविधाएं. -स्कूली बस में दो आपातकालीन गेट (एक दाहिनी ओर और दूसरा बस के पीछे) और बस की खिड़कियां ग्रिल युक्त होनी चाहिये. कोट : स्कूली बच्चों की परिवहन सुविधा को गंभीरता से लिया जाये. ‘विद्यालय वाहन परिचालन विनियम 2020’ का पालन सभी स्कूलों के लिए अनिवार्य है. इससे छात्रों को सुरक्षित परिवहन सुविधा मिलेगी एवं वाहनों की निगरानी भी होगी. नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. उपेन्द्र कुमार पाल, डीटीओ,पटना.

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