संवाददाता, पटना इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में डेंटल कॉलेज खुलेगा, जहां बीडीएस व एमडीएस की पढ़ाई होगी. इसमें 50 सीटों पर एडमिशन होगा. इसके साथ ही अब संस्थान का दंत रोग विभाग 100 बेड का होगा. यहां दांत व जबड़ों से जुड़ी कई जटिल सर्जरी से लेकर भर्ती कर इलाज करने की सुविधाओं का विस्तार किया जायेगा. यह जानकारी बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री और अध्यक्ष शासी निकाय आइजीआइएमएस मंगल पांडेय ने दी. मंगलवार को मंत्री ने आइजीआइएमएस के क्षेत्रीय चक्षु संस्थान (आरआइओ) में चार नयी सुविधाओं का उद्घाटन किया.
एसजीपीजीआइ लखनऊ व पीजीआइ चंडीगढ़ के तर्ज पर आइजीआइएमएस होगा विकसित
मंगल पांडे ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के दिशा-निर्देश पर बिहार में स्वास्थ्य सेवा लगातार विकसित हो रही है. यही वजह है कि अब आइजीआइएमएस को एसजीपीजीआइ लखनऊ व पीजीआइ चंडीगढ़ के तर्ज पर विकसित करने का लक्ष्य बनाया गया है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत अत्याधुनिक ल्यूमरा -आइ माइक्रोस्कोप का भी उद्घाटन किया गया, जिससे इमरजेंसी में आये मरीजों को तत्काल ऑपरेशन हो सके़ हमारी कोशिश यह है कि बिहार के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से भी आये हुए मरीजों को कम-से-कम समय में उच्चतम गुणवत्ता वाली चिकित्सा उपलब्ध करायी जा सके.
जल्द नौ मॉड्यूलर ओटी व रोबोटिक सर्जरी की सुविधा: डॉ विभूति
उपनिदेशक डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा ने कहा कि आने वाले दिनों में यहां सीटी स्कैन और नौ मॉडयूलर ऑपरेशन थिएटर का भी काम पूरा हो जायेगा. डॉ विभूति ने कहा कि संस्थान में रोबोटिक सर्जरी और 20 बेड के सीसीएम व 20 डायलीसिस यूनिट की 16 अगस्त तक स्थापना होगी. डॉ प्रो बिंदे कुमार ने नेत्र विभाग को आइजीआइएमएस का सिरमौर कहा़ कार्यक्रम में आइ बैंक के इंचार्ज डॉ निलेश मोहन, डीन डॉ ओम कुमार, प्रिंसिपल डॉ रंजीत गुहा, आयुष्मान भारत के बिहार के सीइओ शशांक शेखर सिन्हा व मंत्री स्वास्थ्य के अपर सचिव अमिताभ सिंह भी उपस्थित रहे.
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