Waqf Bill: बिहार की सत्ता में साझीदार जनता दल यूनाइटेड (JDU) में वक्फ संशोधन बिल को लेकर गहरा राजनीतिक भूचाल आ गया है. बिल को समर्थन देने के बाद पार्टी के सात मुस्लिम नेताओं ने नाराजगी जताते हुए इस्तीफा दे दिया है. इनमें से कई नेताओं ने पार्टी पर ‘मुस्लिम समुदाय के साथ विश्वासघात’ का आरोप लगाया है.
पार्टी से इस्तीफा देने वालों में ढाका विधासनभा से पूर्व प्रत्याशी मोहम्मद कासिम अंसारी, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव शाहनवाज मलिक, बेतिया जिला के उपाध्यक्ष नदीम अख्तर, प्रदेश महासचिव सीएन तबरेज सिद्दीकी, पूर्व प्रदेश सचिव एम. राजू नैयर, मो. दिलशान राइन, मो. फिरोज खान शामिल हैं.
बिल को बताया असंवैधानिक
गुलाम गौस ने चार दिन पहले ही बिल को ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हस्तक्षेप की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि नीतीश ने अब तक मुसलमानों के लिए कई अहम कदम उठाए हैं, उम्मीद है इस बार भी वे समुदाय की भावना को समझेंगे.
पार्टी की सेक्युलर छवि पर सवाल
इस्तीफा देने वाले नेताओं का कहना है कि जेडीयू ने बिल का समर्थन कर “लाखों मुसलमानों के भरोसे को तोड़ा है.” मोहम्मद कासिम अंसारी ने सीएम को पत्र लिखकर कहा कि पार्टी की सेक्युलर छवि को गहरा धक्का लगा है. वहीं, शाहनवाज मलिक ने इस्तीफे के साथ ललन सिंह के लोकसभा में दिए बयान को “दुखद और आहत करने वाला” बताया.
कानूनी मोर्चे की तैयारी
एदारा-ए-शरिया के अध्यक्ष और पूर्व एमएलसी मौलाना गुलाम रसूल बलियावी ने वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ कानूनी लड़ाई का एलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि देशभर के हाई कोर्ट में इस बिल को चुनौती देने के लिए इदारा-ए-शरिया की लीगल टीम बैठकों के जरिए रणनीति बनाएगी.
जेडीयू ने किया किनारा
वहीं पार्टी ने पलटवार करते हुए कहा है कि इस्तीफा देने वाले कुछ नेताओं का जेडीयू संगठन से कोई औपचारिक संबंध नहीं है. प्रवक्ता ने कहा, “इनकी पार्टी में कोई पद नहीं है, इसलिए इनकी प्रतिक्रिया को जेडीयू के निर्णय से जोड़ना सही नहीं है.”
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