बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ‘दामाद आयोग’ का तंज कसकर सरकार पर हमला बोला तो अब जदयू की ओर से भी पलटवार किया गया है. बिहार सरकार के मंत्री और जदयू के दिग्गज नेता अशोक चौधरी ने सरकार के फैसले को सही बताते हुए अपने दामाद को सायन कुणाल को बिहार राज्य धार्मिक न्याय परिषद के सदस्य बनाए जाने और पूर्व IAS दीपक कुमार की पत्नी रश्मि रेखा सिन्हा को बिहार महिला आयोग का सदस्य बनाने के पीछे की वजह को बताया है.
आयोग के सदस्य बनाने पर विवाद
दरअसल, सायन कुणाल को बिहार राज्य धार्मिक न्याय परिषद का सदस्य बनाया गया है. वहीं रश्मि रेखा सिन्हा को बिहार महिला आयोग का सदस्य बनाए जाने के फैसले पर भी तेजस्वी यादव ने सवाल खड़े किए और सरकार पर हमला बोला है. सायन कुणाल पूर्व IPS दिवंगत आचार्य किशोर कुणाल के बेटे और बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के दामाद यानी समस्तीपुर सांसद शांभवी चौधरी के पति हैं. वहीं, बिहार महिला आयोग का सदस्य बनायी गयीं रश्मि रेखा सिन्हा पूर्व IAS दीपक कुमार की पत्नी हैं.
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सायन कुणाल के बचाव में बोले अशोक चौधरी…
सायन कुणाल को बिहार राज्य धार्मिक न्याय परिषद का सदस्य बनाए जाने पर विवाद छिड़ा तो मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि सायन कुणाल को उनके (अशोक चौधरी) दामाद के तौर पर नहीं बल्कि आचार्य किशोर कुणाल के पुत्र होने के हैसियत से सदस्य बनाया गया है. आचार्य किशोर कुणाल के पुत्र को आरएसएस के कोटे से इस परिषद का सदस्य बनाया गया है. इस परिषद में मंदिर और मठ से भी लोगों को लिया जाता है. दिवंगत किशोर कुणाल के मानव सेवा भूमिका को देखते हुए उन्हें सम्मान देने उनके बेटे की हैसियत से सायन कुणाल को सदस्य बनाया गया है.
दीपक कुमार की पत्नी के विवाद पर बोले…
पूर्व IAS दीपक कुमार की पत्नी रश्मि रेखा सिन्हा को बिहार महिला आयोग का सदस्य बनाए जाने के फैसले का बचाव करते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि वो पढ़ी-लिखी महिला हैं. वो डबल एमए हैं. इग्नू की प्रोफेसर रही हैं.दो कॉर्पोरेट हाउस में रहीं. ऐसा नहीं है कि उन्हें बना दिया गया जो घर से कभी बाहर नहीं निकली. पता के विवाद पर मंत्री ने कहा कि ये सब बेबुनियाद विवाद है. आधार कार्ड पर जो पता लिखा होगा, वही दिया जाता है. अशोक चौधरी ने कहा कि कहा कि जो लोग नीतीश जी के साथ खड़े हैं उनपर आरोप लगाना उनकी (विपक्ष) की पुरानी आदत है. आरसीपी सिंह पर भी पहले इल्जाम लगाया गया था.
तेजस्वी के आरोपों पर पलटवार
अशोक चौधरी ने तेजस्वी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि इनकी बातों को कोई नोटिस नहीं लेता. जिनके परिवार के ही 7 लोग हर जगह हों वो दामाद आयोग की बात करते हैं. इसका कोई मतलब ही नहीं है.