Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने रामनगर स्थित प्राचीन श्रीराम जानकी मंदिर के परिसर में आयोजित पांच दिवसीय हनुमंत कथा के अंतिम दिन घोषणा की कि हिंदू राष्ट्र के लिए यूपी से पदयात्रा शुरू करेंगे. पदयात्रा के दौरान पूरे देश के सनातनियों को एकजुट करेंगे. भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए काम करेंगे. यह देश ऋषि- महर्षियों, संतों, मुनियों का है. पांच दिनों की कथा में आपने हिंदू राष्ट्र की मुहिम को आगे बढ़ाया है. ये वीरों की धरती है, यहीं से हिंदू राष्ट्र की मशाल जलेगी.
यहां से जाकर सनातनियों को एकजुट करें
एक बार फिर उन्होंने विरोधियों को चेतावनी देते हुए कहा कि पेट का दर्द ठीक नहीं होगा, जल्द आ रहा हूं बिहार. लेकिन हमें भरोसा है कि यदि भारत हिंदू राष्ट्र बनेगा तो बिहार सबसे पहले हिंदू राज्य होगा. आप लोग भी यहां से जाकर सनातनियों को एकजुट करें. आपस में बांट कर हमारा फायदा दूसरे लोग उठाते हैं. उनसे सतर्क होकर देश के लिए तटस्थ बनाना होगा.
जिस पर राम की कृपा होगी, उस पर सबकी कृपा होगी
बाबा बागेश्वर ने हनुमंत कथा के अंतिम दिन हनुमान जी की संक्षिप्त कथा कहते हुए कहा कि जिस पर रामजी की कृपा होगी. उसपर सबकी कृपा होगी. अगर तुम अपने बल पर रहोगे, तो भगवान तुम्हारी अवश्य सुनेंगे. उन्होंने कहा कि यदि कोई संकट आये, तो हनुमान जी का नाम लेते रहें, आप पर अवश्य उनकी कृपा होगी. उन्होंने कहा कि बहुत लोग कहते हैं कि भगवान को किसी ने देखा नहीं है. मैं कहता हूं कि भले ही कोई भगवान को नहीं देख पाये, लेकिन भगवान तो उसे देखते ही हैं.
चार दिन की जिंदगी में हमें भगवान को पाना है
तुम धर्म की रक्षा करो, धर्म तुम्हारी रक्षा करेगा. यक्ष-पांडव संवाद का वर्णन करते हुए कहा कि यदि हम भी धर्म के मार्ग पर चलेंगे, तो सब काम बन जायेगा. चार दिन की जिंदगी है. इसी में हमें भगवान को पाना है. उन्होंने “जीवन तो एक रेल है, कभी पैसेंजर, कभी मेल है” भजन को सुनाते हुए कहा कि जीवन में सुख-दुख आता रहता है. इससे हमें घबराना नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि हनुमान जी क्यों महान हैं क्योंकि उनमें अभिमान नहीं है. उनमें स्वामिभक्ति है. उनमें राम के प्रति निष्ठा रहती है. लगन है. उन्होंने कहा कि एक बात तो पक्की है कि बिहार में हनुमान जी की बहार है. अंत में उन्होंने कहा कि हमको कष्ट है कि हम अत्यधिक लोगों से मिलने आये थे, लेकिन मिल नहीं पाये.
भीड़ को लेकर डेढ़ घंटे में ही समाप्त हुई कथा, दरभंगा गये सरकार
प्रखंड के राम नगर में आयोजित पांच दिवसीय हनुमंत कथा सोमवार को समाप्त हो गया. अंतिम दिन भी कथा सुनने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी थी. हालांकि श्रोताओं की भारी भीड़ तथा लोगों के उत्साह में आकर पंडाल में घुसने से कोई अव्यवस्था नहीं पैदा हो, इसलिए बाबा बागेश्वर धाम पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने करीब डेढ़ घंटे में ही कथा समाप्त कर कुशीनगर होते हुए दरभंगा के लिए रवाना हो गये.
फिर आने का वादा कर विदा हुए बाबा बागेश्वर
प्रखंड के रामनगर में स्थित राम जानकी मठ परिसर में छह मार्च से शुरू हुई हनुमंत कथा सोमवार को “जय श्री राम” के जयघोष के साथ समाप्त हो गयी. कथा समापन की घोषणा करने के साथ ही बाबा बागेश्वर ने बिहार आने का वादा किया और नम आंखों से श्रीराम पट्टिका को सिर पर उठाकर लोगों से विदाई ली. बाबा बागेश्वर ने भारत के हिंदू राष्ट्र बनाये जाने की शपथ भी लोगों को दिलायी. इसके बाद पंडाल में मौजूद लोग भावुक हो गये और नम आंखों से अपने सरकार को विदा किया. कथा के अंतिम दिन लोगों की जबर्दस्त भीड़ रामनगर में उमड़ पड़ी.
आखिरी दिन रामनगर में उमड़ा जनसैलाब
पांच दिवसीय हनुमंत कथा सोमवार को समाप्त हो गयी. कथा के आखिरी दिन भी रामनगर में जन सैलाब उमड़ पड़ा था. रविवार को इस हनुमंत कथा में सबसे अधिक भीड़ हुई थी. जिसमें लगभग छह लाख श्रद्धालु रामनगर पहुंचे थे. सोमवार को भी लगभग इतनी ही संख्या रही. अंतिम दिन स्थिति ऐसी बन गई कि वीआइपी और सामान्य दोनों एरिया एक ही हो गये थे.
सपने में बाबा का मिला आदेश, लंदन से पहुंचा परिवार
हनुमंत कथा के अंतिम दिन लंदन के हैरो शहर से पं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का भक्त परिवार रामनगर स्थित श्रीराम जानकी मंदिर पहुंचा. मंदिर के पुजारियों ने उनका भव्य स्वागत किया. लंदन से आये डॉ. प्रशांत कुमार, उनकी पत्नी लक्ष्मी कुमारी तथा बेटी कायरा कुमारी ने कहा, “प्राचीन रामनगर श्रीराम-जानकी के मंदिर पहुंचकर बहुत ही सुकून महसूस हुआ.” डॉ. प्रशांत कुमार ने बताया, “मैं लंदन में अपनी ड्यूटी से फ्री होकर आराम कर रहा था, तभी सपने में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा – गोपालगंज के हो और तुम्हारे गोपालगंज में हम कथा कह रहे हैं. आओ, आशीर्वाद पाओ. यह सुनकर मैंने अपने पूरे परिवार के साथ यहां आकर आशीर्वाद लेने का निर्णय लिया.”