Bihar : पटना. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) तकनीक का धमाल आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में बखूबी दिखेगा. इसे लेकर लगभग सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुये हैं. अभी से वार रूम को विकसित करने की योजना बन रही है. इसमें यह चर्चा भी हो रही है कि दिन-प्रतिदिन राजनीतिक पार्टियों के विचारों को एआइ के अलग-अलग सेक्शन का उपयोग कर कैसे आम लोगों तक पहुंचाया जाये. किस तरह और क्या किया जाये जिससे आम मतदाता का रुझान राजनीतिक दल की तरफ हो जाये? ऐसे में वार रूम सुसज्जित किये जा रहे हैं. इनको संभालने के लिए कुछ राजनीतिक दलों ने बेहतर प्रोफेशनल की तैनाती की है. वहीं कुछ राजनीतिक दल अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं.
हर राजनीति दल बना रहे हथियार
ऐसे में इन दिनों इसकी शुरुआत हो चुकी है. साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव तक इस एआइ तकनीक का उपयोग केवल मुख्यालय ही नहीं, बल्कि फील्ड तक भी करने की योजनाओं पर राजनीतिक दल काम कर रहे हैं. दरअसल साइबर क्रांति और बदलते तकनीकी परिवेश से सोशल मीडिया के माध्यम से राजनीतिक दलों की क्रिया-प्रतिक्रिया अब चंद मिनटों में मिलने लगी है. वहीं अब एआइ के उपयोग से त्वरित गति से कंटेट भी तैयार किये जा रहे हैं. ये कंटेंट शब्दों में तो हैं ही इसके साथ ही कार्टून कैरेक्टर बनाकर या फोटो के रूप में पेश किये जा रहे हैं. कुछ राजनीतिक दल तो सोशल मीडिया पर इस तरह का प्रयोग बखूबी करने लगे हैं. विशेषज्ञों की मानें तो आम लोगों को फोटो और कार्टून वाले कंटेंट अधिक प्रभावित करते हैं. ऐसे में राजनीतिक दल इसका उपयोग अधिक से अधिक करने की योजना पर काम कर रहे हैं. इस संबंध में सभी राजनीतिक दलों की अलग-अलग राय है.
एआइ तकनीक ने रिस्पांस टाइम कर दिया कम
पूर्व मंत्री, विधान पार्षद व जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार कहते हैं कि एआइ तकनीक ने एक तरफ तो रिस्पांस टाइम कर दिया है, वहीं इसके उपयोग में बौद्धिक क्षेत्र यानी विषयगत क्षेत्र की मूलभूत जानकारी का अभाव दिखता है. राजनीतिक प्रतिक्रिया तो आ जाती है, लेकिन इसके पीछे की पूरी बातें अस्पष्ट रह जाती हैं. कम जानकारी के अभाव में समाज का वातावरण भी प्रदूषित कर रहा है. उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में जदयू एआइ या नयी तकनीक का सकारात्मक इस्तेमाल करेगा, बेजा इस्तेमाल नहीं करेगा. हम जनसरोकार से जुड़ी चीजों को ठीक कर मानव विकास सूचकांक को बेहतर बनाने में एआइ का इस्तेमाल करेंगे.
सोशल मीडिया और एआइ का उपयोग करेगी भाजपा
बिहार भाजपा मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने कहा कि सोशल मीडिया और एआइ का आगामी विधानसभा चुनाव में सकारात्मक उपयोग करने की तैयारी पार्टी ने शुरू कर दी है. इसके लिए बिहार में हुये विकास की जानकारी आमलोगों तक आसानी से पहुंचाने की दिशा में पार्टी की टीम काम कर रही है. एआइ तकनीक से अब संबंधित व्यक्ति के नाम से संबोधित वीडियो भी तैयार कर बेहतर संदेश के लिए भेजा जा सकता है.
कार्यकर्ताओं में आ रही जागरुकता
राजद नेता राजद के वरिष्ठ नेता चितरंजन गगन कहते हैं कि सोशल मीडिया या एआइ को लेकर हमारे कार्यकर्ता जागरूक हो गये हैं. यदि कोई राजनीतिक दल कोई बयान जारी करते हैं तो उसका त्वरित प्रत्युत्तर हमारे कार्यकर्ता ही देते हैं. इसके लिए हाल ही में सामाजिक न्याय परिचर्चा के दौरान पार्टी की तरफ से आम कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया. हमलोग नकरात्मक प्रचार नहीं करते हैं. वर्तमान सरकार ने अब तक क्या किया? हमलोग क्या करना चाहते हैं, इसी मुद्दे पर फोकस करके आगामी विधानसभा चुनाव में सोशल मीडिया और एआइ का उपयोग करेंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की कंटेंट पर भी नजर रखी जा रही हैं. तत्काल काउंटर भी किया जाता है.
सकारात्मक सोच के साथ होगा इस्तेमाल
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया और एआइ का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. आगामी विधानसभा चुनाव में सकारात्मक सोच के साथ इसका इस्तेमाल किया जायेगा. इसके लिए जरूरत पड़ी तो एआइ एक्सपर्ट को भी रखा जायेगा. हालांकि कांग्रेस पार्टी की मीडिया टीम इस पर काम कर रही है.
लोजपा (रा) के नेताओं की सोशल मीडिया पर मौजूदगी
लोजपा (रा) के प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता राजेश भट्ट ने कहा कि हमारी पार्टी के राष्ट्रीय स्तर से पंचायत स्तर तक के नेताओं की सोशल मीडिया पर मौजूदगी है. इस कारण पार्टी की गतिविधियों की जानकारी आमलोगों तक आसानी से पहुंच जाती है. पार्टी की लोकप्रियता और स्वीकार्यता लगातार बढ़ रही है. आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी की आइटी टीम गठित की गयी है. इसके माध्यम से हम आम लोगों तक अपनी बात आसानी से पहुंचायेंगे.
आम मतदाताओं तक पहुंच बनाने की तैयारी
सीपीएम के राज्य कमिटी मेंबर व मीडिया प्रभारी मनोज कुमार चंद्रवंशी ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में एआइ और सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर आम मतदाताओं तक पार्टी की बात पहुंचायी जायेगी. पार्टी उम्मीदवारों को मदद करने के लिए मुख्यालय स्तर पर वार रूम बनाया जायेगा. उन्होंने कहा कि महागठबंधन की भी सोशल मीडिया कोऑर्डिनेशन कमिटी बनी है. इसमें प्रत्येक घटक दल से दो-दो प्रतिनिधि हैं. यह कमिटी भी आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान एआइ और सोशल मीडिया के कंटेंट पर नजर रखेगी.
प्रचार तंत्र मजबूत करने पर जोर
भाकपा-माले के प्रदेश मीडिया प्रभारी कुमार परवेज ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर पार्टी ने अपने प्रचार तंत्र को अधिक प्रभावी और तकनीक-संपन्न बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए एक समर्पित टीम काम कर रही है जो ग्राफिक्स डिजाइन, वीडियो एडिटिंग, और स्क्रिप्टिंग में दक्ष है. कुछ वीडियो में एआइ आधारित वॉइस ओवर टेक्नोलॉजी का भी उपयोग किया गया है, जिससे संदेश अधिक प्रभावशाली और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत हो सके. पार्टी ने चुनावी तैयारियों के तहत जिन 40–45 विधानसभा सीटों को चिन्हित किया है, वहां तक डिजिटल जनसंपर्क सशक्त बनाया जा रहा है. पटना में एक आधुनिक ‘वार रूम’ स्थापित किया जा रहा है. यहां से सभी सोशल मीडिया गतिविधियों की निगरानी और सामग्री निर्माण का कार्य संचालित किया जाएगा.
रालोमो की भी तैयारी
रालोमो के प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता रामपुकार सिन्हा ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा सोशल मीडिया और एआइ पर बहुत ध्यान दे रहे हैं. आज के समय में हर व्यक्ति के हाथ में मोबाइल है. संचार क्रांति का जो स्थान है इसका आगामी विधानसभा चुनाव में भी बेहतर उपयोग करने के लिए हमारी पार्टी तैयारी कर रही है.