Bihar Assembly Election 2025: आरजेडी नेता कुमार सर्वजीत के ‘मुखिया का चुनाव भी नहीं जीत सकते जीतन राम मांझी’ पर हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्याम सुंदर शरण ने शुक्रवार को पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि जीतन मांझी एक अनुभवी नेता हैं और उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में 9 महीने काफी बेहतर कार्य किया है. राज्य के विकास के लिए उन्होंने 34 सूत्री विकास का एजेंडा भी बनाया था, जो आज के तारीख में लागू हो रहा है. 15 साल के लालू-राबड़ी शासन काल पर जीतन राम मांझी का 9 महीना ही भारी है.
आगे उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव जी के पार्टी के नेताओं को संयम में रहना चाहिए. दलित समागम के कार्यक्रम के कारण उनके पेट में दर्द हो रहा है. इसी कारण लालू प्रसाद के पार्टी के नेता फालतू की बयानबाजी कर रहे हैं. जबकि जीतन राम मांझा केंद्रीय मंत्री रहते हुए प्रदेश के विकास कार्यों में लगे हुए हैं.
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के इतिहास में पार्टी की स्थापना लूट-पाट रहा है. जबकि हम पार्टी की स्थापना समाज के पिछड़े वर्गे के उत्थान के लिए किया गया है. आरजेडी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि आरजेडी 30 साल में एक भी दलित नेता को राज्यसभा नहीं भेजा. दलित विरोधी नीतियों की इससे बड़ी बानगी और क्या हो सकती है.
28 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में आयोजित होने वाले दलित समागम से राजद खेमे में बेचैनी बढ़ गयी है. यह समागम दलित समुदाय के लोगों को एक मंच पर लाने और उनकी समस्याओं पर चर्चा करने के लिए आयोजित किया जा रहा है. जिसमें दलितों के अधिकारों पर चर्चा की जायेगी. प्रदेश के सभी जिलों से लाखों दलित भाई-बहन इसमें शामिल होंगे. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को अपमानित करने वाले महागठबंधन के नेताओं को बिहार की जनता इसी बिहार विधानसभा चुनाव में सबक सिखाएगी.
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