Bihar Politics: पटना की सियासी फिजा इन दिनों गरम है. वजह है- बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर को लेकर लालू प्रसाद यादव पर उठे सवाल. पटना की सड़कों पर सोमवार को कई जगहों पर ऐसे पोस्टर लगाए गए, जिनमें लालू यादव और तेजस्वी यादव से माफी मांगने की मांग की गई है. पोस्टर में लिखा गया है-“7 दिन हो गए, लालू-तेजस्वी माफी कब मांगेंगे?” इसके साथ ही पोस्टर में एक QR कोड भी लगाया गया है, जिससे RJD पर दलित विरोधी होने के आरोपों की जानकारी लेने का दावा किया गया है.
दरअसल, यह पूरा मामला एक वायरल वीडियो से जुड़ा है, जिसमें लालू यादव के पैरों के पास डॉ. अंबेडकर की तस्वीर रखी दिखाई गई. इस वीडियो के सामने आने के बाद से भारतीय जनता पार्टी हमलावर है और इसे बाबा साहब का अपमान बताते हुए राजद पर दलित विरोधी मानसिकता का आरोप लगा रही है.
“ये सिर्फ पोस्टर नहीं, दलित समाज का आक्रोश है”- BJP
BJP के मीडिया इंचार्ज दानिश इकबाल ने पोस्टर वार की पुष्टि करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक राजनीतिक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि दलित समाज की आहत भावनाओं का प्रतिबिंब है. उन्होंने कहा, “बाबा साहब के अपमान को 7 दिन हो चुके हैं, लेकिन लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव माफी मांगने का साहस नहीं जुटा पाए हैं. ये असंवेदनशीलता नहीं, बल्कि दलितों के आत्मसम्मान पर खुला हमला है.”
प्रवक्ताओं को मिली जिम्मेदारी, विपक्ष पर हमलावर BJP
BJP ने अपने सभी प्रवक्ताओं को निर्देश दिया है कि वे इस मुद्दे को चुनावी जनसभाओं, मीडिया डिबेट और सोशल मीडिया के जरिए लगातार उठाएं. पार्टी इस विवाद को दलित सम्मान से जोड़कर पूरे राज्य में आरजेडी के खिलाफ माहौल तैयार करने में जुट गई है.
BJP प्रवक्ता नीरज कुमार ने सीधे तौर पर लालू यादव को निशाने पर लेते हुए कहा, “जो खुद को सामाजिक न्याय का पुरोधा कहता है, वही बार-बार बाबा साहब का अपमान कर रहा है. क्या यही है उनका सामाजिक न्याय? अब समय आ गया है कि लालू यादव माफी मांगें और जनता को जवाब दें.”
विपक्षी गठबंधन पर भी निशाना
BJP नेताओं ने इस मामले पर विपक्षी गठबंधन INDIA को भी कटघरे में खड़ा किया है. पार्टी ने सवाल उठाया है कि इस घटना पर राहुल गांधी, अखिलेश यादव और अन्य सहयोगी दलों की चुप्पी क्या उनकी सहमति मानी जाए?
इस पूरे घटनाक्रम ने बिहार में दलित राजनीति की नई बहस छेड़ दी है. आगामी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा इस मुद्दे को भावनात्मक जनसंवाद में बदलने की कोशिश कर रही है. वहीं, राजद की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट सफाई नहीं आई है.