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Bihar Crime : कौन है रवि गोप, बेऊर जेल में जिसके पास मिले 4-4 स्मार्ट फोन

Bihar Crime : रवि गोप कई आपराधिक मामलों में आरोपी है. अगस्त 2022 में एसटीएफ ने उसे नागपुर से गिरफ्तार किया था. नाला रोड में बीजेपी नेता क्रांति की हत्या, संग्राम सिंह और अशोक गुप्ता हत्याकांड में रवि गोप मुख्य आरोपित है.

Bihar Crime : पटना. बेऊर जेल के गोदावरी खंड में छापेमारी हुई है. छापेमारी के दौरान बेऊर जेल में बंद कुख्यात अपराधी रवि गोप के पास से चार स्मार्टफोन और दो चार्जर बरामद हुए हैं. रवि गोप कई आपराधिक मामलों में आरोपी है. अगस्त 2022 में एसटीएफ ने उसे नागपुर से गिरफ्तार किया था. उसके बेड पर ही चारों मोबाइल रखे हुए थे. ये पहली बार है, जब बेऊर जेल में किसी कैदी के पास से एक साथ चार स्मार्टफोन मिले हैं. जेल में एक साथ इतने सारे मोबाइल मिलने से सुरक्षा-व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं. मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है.

50 हजार का इनामी रहा है रवि गोप

बताया जाता है कि रवि गोप नाला रोड का कुख्यात अपराधी है. रवि गोप पर 50 हजार का इनाम था और वो 16 साल से फरार था. अगस्त 2022 में एसटीएफ ने रवि गोप को नागपुर से गिरफ्तार किया था. रवि गोप पर कई गंभीर आरोप हैं. उस पर बीजेपी नेता क्रांति की हत्या का आरोप है. संग्राम सिंह और अशोक गुप्ता हत्याकांड में भी उसका नाम आया था. रवि गोप के खिलाफ पटना के तीन थानों में 16 एफआईआर दर्ज हैं. कदमकुआं थाने में एक दर्जन, पीरबहोर में तीन और फुलवारीशरीफ थाने में एक केस दर्ज है.

जांच कमेटी गठित, 24 घंटे में मांगी रिपोर्ट

रवि गोप के बेड से चार मोबाइल और दो चार्जर मिलने के बाद जेल में बंद कैदियों में हड़कंप मच गया. जेल अधीक्षक नीरज कुमार झा ने इस मामले पर गंभीरता दिखाई है. उन्होंने बताया कि जेल प्रशासन ने जांच कमेटी गठित कर दी है. 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी गई है. जेल अधीक्षक ने ये भी कहा कि इस मामले में जेलकर्मियों की मिलीभगत हो सकती है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद जेलकर्मियों पर कार्रवाई होगी.

रवि गोप के वार्ड में कैसे पहुंचे चार स्मार्ट फोन

पुलिस प्रशासन के लिए सबसे बड़ा सवाल है कि चार स्मार्टफोन रवि गोप के वार्ड में कैसे पहुंचे. कौन लोग उसकी मदद कर रहे. किसके इशारे पर वो जेल में स्मार्टफोन से बात कर रहा था. रवि गोप अंतिम बार 2 अप्रैल को पेशी के लिए सिविल कोर्ट गया था. कमेटी इस बात की भी जांच करेगी कि कहीं उसे कोर्ट में तो किसी ने मोबाइल नहीं दिया था. पुलिस ये भी पता लगाने में जुटी है कि किसके नाम से सिम लिए गए थे. क्या वो जेल में रहकर अपने गुर्गों से कोई आपराधिक वारदात कराने वाला था.

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Ashish Jha
Ashish Jha
डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने को प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत.

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