Bihar Diwas 2025: पटना. भारतीय जनता पार्टी ने कुछ क्षेत्रीय राजनीतिक दलों, समुदाय-आधारित संगठनों और प्रतिबंधित यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (इंडिपेंडेंट) के विरोध के बाद 22 मार्च को पूर्वी असम के तिनसुकिया में ‘बिहार दिवस’ मनाने की अपनी योजना रद्द कर दी है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दिलीप सैकिया ने कहा कि पार्टी ने स्थानीय भावनाओं को ठेस पहुंचाने से बचने के लिए बिहार दिवस नहीं मनाने का फैसला किया है. हालांकि, उन्होंने बताया कि दिल्ली, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, नगालैंड और अन्य राज्यों ने ‘असम दिवस’ मनाया जाता है.
हिमंत बिस्वा सरमा ने की निंदा
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, “बीते कुछ वर्षों में देशभर में सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने के लिए भाजपा के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम के तहत बिहार के लिए यह दिन ‘स्नेह मिलन उत्सव’ (स्नेह और एकजुटता का त्योहार) के रूप में मनाया जाना था. हमने कुछ वर्गों की मांग के बाद तिनसुकिया कार्यक्रम को रद्द करने का फैसला किया.” मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि ‘बिहार दिवस’ मनाने का विरोध सांप्रदायिक घृणा को दर्शाता है. उन्होंने कहा, “जब असम के लिए एक दिन दूसरे राज्यों में मनाया जा सकता है, तो हमें भी आदर्श रूप से ऐसा ही करना चाहिए. इस तरह की नफरत और संकीर्ण मानसिकता निवेशकों को दूर कर सकती है,” उन्होंने लोगों को याद दिलाते हुए कहा, “इस तरह के रवैये का असर भारत में कहीं और पढ़ने और काम करने वाले असम के लोगों पर पड़ सकता है.”
उल्फा ने दी थी चेतावनी
उल्फा (आई) ने बुधवार को ‘बिहार दिवस’ के आयोजकों को चेतावनी दी थी कि अगर वे ऐसे राज्य का जश्न मनाने की योजना पर आगे बढ़े जो “भारतीय कब्जे वाली ताकतों” का प्रतिनिधित्व करता है, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. इसके बाद अहोम और मोरान जैसे स्वदेशी समुदायों में आक्रोश फैल गया. कार्यकर्ता से विधायक बने अखिल गोगोई, जो रायजोर दल के प्रमुख हैं, ने असम में हिंदी भाषी मतदाताओं को ध्यान में रखकर ‘बिहार दिवस’ आयोजित करने की भाजपा की कोशिश की आलोचना की. राज्य में अप्रैल-मई 2026 तक चुनाव होने हैं. एक अन्य क्षेत्रीय पार्टी, असम जातीय परिषद ने भी बिहार के लोगों को “तुष्ट” करने की अपनी योजना के साथ “असमिया लोगों का अपमान” करने के लिए भाजपा की आलोचना की.
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