Bihar Economic Survey: बिहार की जनसंख्या में अब बड़ा परिवर्तन दिखने लगा है. लोक कल्याणकारी योजनाओं और आर्थिक विकास का प्रभाव अब यहां की आबादी पर दिखने लगा है. राज्य की जनसंख्या में विकास तो हो रहा है, साथ ही इनकी आयु संरचना में भी बदलाव दिखने लगा है. यह अनुमान है कि आगामी 16 वर्षों (वर्ष 2041 तक) के दौरान राज्य की आबादी में कामकाजी आयु वर्ग के लोगों की संख्या सर्वाधिक होगी. 2041 तक राज्य का हर 10 में से छठा व्यक्ति कामकाजी आयु वर्ग में शामिल हो जायेगा.
सम्राट चौधरी ने जारी किये आंकड़े
2011 की जनगणना के अनुसार बिहार की सिर्फ 43.2% आबादी ही कामकाजी आयु वर्ग में शामिल थी. अब यह बढ़कर 58.3% हो जायेगी. विधानसभा में वित्त मंत्री सम्राट चौधरी द्वारा रखे गये आर्थिक सर्वेक्षण में बिहार के आयु संरचना के आंकड़े दिये गये हैं. इसमें जनसंख्या को तीन वर्गों यानी कामकाजी, किशोर और बुजुर्गों के आयु वर्ग में बांटा गया है. किशोरों की आयु शून्य से 19 वर्ष के अंदर है. कामकाजी आयु वर्ग के लोगों को 20-59 वर्ष के बीच रखा गया है. 60 वर्ष से अधिक की आयु वर्ग के लोग भी शामिल है.
आबादी कितनी बढ़ेगी
सर्वेक्षण में बताया गया है कि वर्ष 2021 में राज्य की आबादी 12.30 करोड़ थी, जो वर्ष 2031 तक बढ़कर 13.95 करोड़ हो जायेगी, राज्य की जनसंख्या वर्ष 2041 तक 15.34 करोड़ होगी. वर्ष 2041 तक राज्य की जनसंख्या की वार्षिक वृद्धि 1.34% से घटकर सिर्फ एक प्रतिशत पर आ जायेगी, जनसंख्या की वार्षिक वृद्धि में आयी कमी का असर पूरी जनसंख्या पर दिखेगा, इसी का नतीजा होगा कि किशोरों की आबादी जो वर्ष 2011 में 43.2% थी उसमें वर्ष 2041 तक गिरावट होकर 30.1% तक आ जायेगी. बुजुर्गों की आबादी कामकाजी आबादी पर बोझ होगी और इस उम्र के लोगों को सामाजिक समर्थन की आवश्यकता होगी.
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