Bihar Election: पटना. मतदान प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव को अपनाने वाला बिहार देश का पहला राज्य होगा. चुनाव आयोग बिहार चुनाव में 10 ऐसे काम करेगी, जो आने वाले चुनाव में नजीर बनेगा. बिहार में चुनाव आयोग इस साल चुनाव प्रक्रिया में कई ऐसे बदलाव करने जा रहा है, जो आज तक पहले किसी चुनाव में नहीं हुआ. चुनाव आयोग इसे शानदार पहल करार दे रहा है, लेकिन विपक्षी पार्टियों में इसको लेकर एकमत नहीं है और कुछ राजनीतिक पार्टियां इस पहल का विरोध कर रही हैं. निर्वाचन आयोग के इस फैसले से एनडीए ने खुशी जताई है. वहीं, महागठबंधन के नेता और आरजेडी के सीएम फेस तेजस्वी यादव ने इसे बीजेपी की एक नई चाल बताया.
28 जून को होने वाले मतदान में होगा प्रयोग
चुनाव आयोग का कहना है कि ये 10 कदम बिहार के आगामी चुनावी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए उठाए गए हैं. राज्य चुनाव आयुक्त दीपक प्रसाद ने कहा कि यह पहल बिहार में 28 जून को होने वाले आगामी नगर निगम और शहरी निकाय चुनावों से शुरू होगी. प्रसाद ने कहा कि पूरी ई-वोटिंग प्रक्रिया दो मोबाइल ऐप के माध्यम से निष्पादित की जाएगी, जिसका नाम “ई-वोटिंग SECBHR” है, जिसे सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC) और दूसरे को बिहार राज्य चुनाव आयोग द्वारा विकसित किया गया है.
देश में पहला राज्य बना बिहार
राज्य चुनाव आयोग ने अब तक मतदाता सत्यापन के लिए FRS- फेस रिकग्निशन सिस्टम, वोटों की गिनती और परिणामों की घोषणा में ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन सिस्टम और ईवीएम स्ट्रांग रूम के लिए डिजिटल लॉक का उपयोग करके लोकतांत्रिक प्रक्रिया में दूसरों के लिए एक आदर्श प्रस्तुत किया है. राज्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि ई-वोटिंग प्रक्रिया के बारे में उपलब्ध जानकारी के अनुसार, केवल यूरोपीय देश एस्टोनिया ने इसे शुरू किया है.
वोटिंग में ई प्रणाली
राज्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि अब तक 10,000 मतदाताओं ने ई-वोटिंग के लिए पंजीकरण कराया है और 50 हजार मतदाता ई-वोटिंग के जरिए और बिना मतदान केंद्र पर जाए अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि इस पहल का सबसे बड़ा लाभ कई पहलुओं में होगा. उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूर, प्रवासी मतदाता, दिव्यांग मतदाता, गर्भवती महिला मतदाता, बुजुर्ग और वरिष्ठ नागरिक और गंभीर रूप से बीमार मतदाता ई-वोटिंग प्रक्रिया का उपयोग करके अपने वोट डाल सकेंगे. एसईसी ने कहा कि इससे मतदाता मतदान बढ़ाने और चुनावों को अधिक समावेशी बनाने में मदद मिलेगी.
ये 10 काम जो पहली बार होगा
- 1- ई-वोटिंग की शुरुआत: पहली बार बिहार के वोटर घर बैठे डिजिटल माध्यम से वोट डाल सकेंगे, जिससे मतदान प्रक्रिया और भी आसान और सुरक्षित होगी.
- 2- बायोमेट्रिक सत्यापन में सुधार: मतदाता पहचान के लिए बायोमेट्रिक तकनीक को और मजबूत किया जाएगा ताकि दोहरी वोटिंग की संभावना खत्म हो सके.
- 3- मतदाता जागरूकता के लिए AI-आधारित चैटबॉट: मतदाताओं को चुनाव संबंधी जानकारी देने के लिए AI चैटबॉट मोबाइल और वेब पर उपलब्ध होगा.
- 4-वोटिंग के लिए ई-पास सिस्टम: विशेष परिस्थितियों में मतदाता को ऑनलाइन आवेदन पर ई-पास मिलेगा, जिससे वे आसानी से मतदान केंद्र पहुंच सकेंगे.
- 5-चुनाव प्रक्रिया में ड्रोन सर्विलांस: मतदान के दौरान किसी भी अनियमितता को रोकने के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया जाएगा.
- 6- वोटिंग बूथों की संख्या में वृद्धि: भीड़ कम करने और सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए अधिक मतदान केंद्र बनाए जाएंगे.
- 7- मोबाइल ऐप के माध्यम से पोलिंग स्टेशन की लाइव जानकारी: मतदाता अपने नजदीकी पोलिंग स्टेशन का लाइव स्टेटस मोबाइल ऐप पर देख सकेंगे.
- 8- मतदाता शिकायत निवारण तंत्र में तेजी: शिकायतों के निवारण के लिए 24×7 हेल्पलाइन और तेज़ प्रतिक्रिया प्रणाली लागू की जाएगी.
- 9- समाज के विशेष वर्गों के लिए सुविधाजनक इंतजाम: बुजुर्ग, दिव्यांग, और महिला मतदाताओं के लिए विशेष सुविधाएं, जैसे मोबाइल बूथ, रैम्प, आदि.
- 10- चुनाव प्रचार की निगरानी के लिए सोशल मीडिया मॉनिटरिंग: फेक न्यूज और गलत प्रचार को रोकने के लिए सोशल मीडिया की कड़ी निगरानी रखी जाएगी.